अजित पवार की एंट्री से सीएम शिंदे के साथी परेशान, दिल्ली पहुंची NCP की जंग
Maharashtra Politics : अजित पवार की शिंदे सरकार में एंट्री के बाद शिवसेना शिंदे गुट के नेता परेशान बताए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने साथियों को समझाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। इस बीच एनसीपी की जंग दिल्ली पहुंच गई।
एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने आज दोपहर को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। इस बैठक में देश के विभिन्न हिस्सों से पार्टी के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। शरद पवार अपनी बेटी सुप्रिया सुले के साथ बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली रवाना हो गए।
एनसीपी पर कब्जे की लड़ाई में फिलहाल अजित पवार का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। 2 जुलाई को एनसीपी में दो फाड़ होने के बाद बुधवार को अपनी ताकत दिखाई। अजित गुट की बैठक में एनसीपी के कुल 53 में से 32 विधायक शामिल हुए। वहीं, शरद पवार गुट की बैठक में 16 विधायक, तीन विधान परिषद सदस्य और 4 सांसद शामिल हुए।
पार्टी और चुनाव चिह्न पर दावेदारी को लेकर दोनों गुट चुनाव आयोग पहुंच गए। अजित गुट ने अपने समर्थन में 40 से अधिक विधायकों व सांसदों के हलफनामे दिए हैं।
समर्थकों से क्या बोले सीएम शिंदे : अजित पवार के महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में शामिल होने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को शिवसेना के जनप्रतिनिधियों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की और कहा कि परेशान होने की कोई बात नहीं है।
शिंदे ने शिवसेना विधायकों, एमएलसी और सांसदों की बैठक की अध्यक्षता की। शिंदे को दो जुलाई को अजित पवार के सरकार में शामिल होने और 8 अन्य राकांपा नेताओं के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के घटनाक्रम की उन्हें जानकारी थी।
क्यों नाराज है शिवसेना विधायक : इससे पहले शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर ने कहा था कि महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में अजित पवार के नेतृत्व वाले राकांपा समूह के शामिल होने से मंत्री पद की चाह रखने वाले भाजपा और शिवसेना के नेताओं की संभावनाएं धूमिल हो गई हैं एवं उनमें से कुछ नाराज हैं तथा मुख्यमंत्री शिंदे इस भावना से अवगत हैं। शिवसेना प्रवक्ता और विधायक संजय शिरसाट ने भी मंगलवार को संकेत दिया था कि नवीनतम राजनीतिक घटनाक्रम के बाद पार्टी के एक वर्ग में कुछ बेचैनी है।
उल्लेखनीय है कि अजित पवार खेमे से 9 मंत्रियों के शामिल होने के बाद, शिंदे-फडणवीस कैबिनेट में कुल 29 मंत्री हो गए हैं, जबकि 14 पद अब भी खाली हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta