भाजपा चला रही है 'बैंड, बाजा और बुलेट' की सरकार : कांग्रेस
नई दिल्ली। कांग्रेस ने भाजपा सरकारों को 'बैंड, बाजा और बुलेट' की सरकार करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि एक तरफ वह जश्न मनाने में लगी है और दूसरी तरफ किसानों पर गोलियां चलाई जा रही हैं।
पार्टी ने मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानों पर की गई फायरिंग के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग की। उसने कहा कि किसानों पर फायरिंग के दोषियों के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने यहां संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार 'तानाशाही और हिटलरशाही' पर उतर आई है। किसान अपनी फसलों के वाजिब दाम की मांग कर रहे हैं और सरकार उन पर गोलियां चला रही है। मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों पर की गई फायरिंग से भाजपा सरकार की पोल खुल गई है और इससे साबित हो गया है कि भाजपा सिर्फ कॉर्पोरेट घरानों की संरक्षक है और वह किसानों के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि किसान सिर्फ मध्यप्रदेश में ही नहीं, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा तमिलनाडु सहित कई अन्य प्रदेशों में भी आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार अपने तीन साल का जश्न मनाने में व्यस्त है। महाराष्ट्र में किसान आत्महत्या कर रहे हैं, जबकि वहां के मुख्यमंत्री देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह तीन साल का जश्न मनाने में व्यस्त हैं।
सुश्री चतुर्वेदी ने मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस की एक महिला विधायक द्वारा भीड़ को थाना जलाने के लिए उकसाने वाले वायरल हुए वीडियो पर कहा कि भाजपा की यह नीति रही है कि वह ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के आरोप लगाती है। उनका कहना था कि जिस महिला विधायक का वीडियो दिखाया जा रहा है, उसका क्षेत्र मंदसौर से छह सौ किलोमीटर दूर है।
उन्होंने कहा कि भाजपा पर सवाल खड़े किए जाते हैं तो वह लोगों को मूल मुद्दे से भटकाकर दूसरों पर ही आरोप लगाना शुरु कर देती है। उन्होंने कहा, हमारा किसान क्या मांग रहा है? फसल की सही कीमत, कर्ज से माफी लेकिन सरकार उन्हें गोली देती है। यह सरकार कॉर्पोरेट्स के हिसाब से चलती है, उनका डेढ़ लाख करोड़ रुपया माफ कर देती है लेकिन किसान फसल की कीमत मांगता है तो पुलिस की गोली खाता है।
मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य तथा कांग्रेस सचिव जीतू पटवारी ने कहा कि भाजपा के शासन में राज्य में किसान दुर्दशा में हैं। पिछले दस साल के दौरान राज्य में 18000 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। राज्य में किसानों की हालत का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि उन्हें मुआवजा नहीं मिला है और वे जब फसल के दाम मांगते हैं तो उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया जाता है। (वार्ता)