ऐसी है कैप्टन अंशुमान और स्मृति सिंह की लव स्टोरी, सुनकर दिल बैठ जाएगा
Love story of caption anshuman singh and smriti singh : भारतीय सेना में कैप्टन अंशुमान सिंह को मरणोंपरांत कीर्ति चक्र सम्मान मिला है। उनकी पत्नी स्मृति सिंह ने यह सम्मान ग्रहण किया। दोनों के परिवार में एक विवाद भी सामने आया है। अंशुमान सिंह के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनकी बहू स्मृति सिंह उनके बेटे का मेडल लेकर चली गईं। बहरहाल, इस बीच जानते हैं आखिर कैसे दोनों के बीच प्यार हुआ। जानते हैं दोनों की लव स्टोरी।
दरअसल, सम्मान समारोह के बाद शहीद की पत्नी स्मृति सिंह ने मीडिया से बात की और अपनी प्रेम कहानी और अपने पति के साथ हुई आखिरी बातचीत का खुलासा किया।
ये है लव स्टोरी : स्मृति ने कहा कि 18 जुलाई को हमारी लंबी बातचीत हुई और 19 जुलाई को हमें पता चला कि वह अब नहीं रहे। उन्होंने कहा कि यह पहली नजर का प्यार था। उन्होंने बताया कि हम कॉलेज के पहले दिन मिले थे। मैं नाटकीय नहीं होऊंगी, लेकिन यह पहली नजर का प्यार था। एक महीने बाद, वह सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज (AFMC) के लिए चयनित हो गया। हम एक इंजीनियरिंग कॉलेज में मिले, और वह एक मेडिकल कॉलेज में चयनित हो गया, (वह) एक बहुत बुद्धिमान लड़का था। मिलने के सिर्फ़ एक महीने बाद हम अलग हो गए। हम करीब आठ साल तक लॉन्ग डिस्टेंस में रहे। फिर हमने सोचा कि अब हमें शादी कर लेनी चाहिए, इसलिए हमने शादी कर ली।
अधूरे रह गए सपनें : दोनों की प्रेम कहानी का अंत जल्दी हो गया। सपने अधूरे रह गए। पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के कैप्टन अंशुमान की पोस्टिंग सियाचिन में हो गई। अभी शादी के महज 5 महीने ही हुए थे। स्मृति के मुताबिक 18 जुलाई को हमारी काफी लंबी बातचीत हुई थी। अगले 50 सालों में हमारा जीवन कैसा होगा। हम घर बनाने जा रहे हैं, हमारे बच्चे होंगे, और जाने क्या-क्या। 19 तारीख की सुबह जब मैं उठी तो मुझे फोन आया कि वे अब नहीं रहे। शुरुआती 7-8 घंटों तक हम यह भरोसा नहीं कर पाए कि ऐसा कुछ हुआ है। आज तक मैं इससे उबर नहीं पाई हूं। बस यह सोचने की कोशिश कर रही थी कि शायद यह सच नहीं है। लेकिन अब जब मेरे हाथ में कीर्ति चक्र है, तो मुझे एहसास हुआ कि यह सच है। लेकिन कोई बात नहीं वह एक हीरो हैं।
इमोशनल स्मृति आगे कहती हैं कि हम अपने जीवन का थोड़ा मैनेज कर सकते हैं, क्योंकि उन्होंने बहुत कुछ मैनेज किया है। उन्होंने अपना जीवन और परिवार त्याग दिया ताकि अन्य तीन सैन्य परिवारों को बचाया जा सके।
बता दें कि कैप्टन अंशुमान सिंह ने अपनी जान गंवा दी, क्योंकि उन्होंने एक आग की घटना में अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए, कई लोगों को बचाने के लिए असाधारण बहादुरी और दृढ़ संकल्प का परिचय दिया था और अपनी जान गंवा दी।
Edited By: Navin Rangiyal