नई दिल्ली/मुंबई। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि कृषि कर्ज माफी की मांग करना फैशन बन गया है। बयान पर बवाल मच गया और बाद में उन्हें इस पर सफाई भी देनी पड़ी।
मुंबई में गुरुवार सुबह एक कार्यक्रम में नायडू ने कहा कि कर्ज छूट की मांग करना इन दिनों फैशन बन गया है। लेकिन कर्ज माफी अंतिम समाधान नहीं है और इस पर कठिन हालात में सोचा जाना चाहिए।
विभिन्न विपक्षी दलों ने उनकी आलोचना की जिसके बाद उन्होंने कहा कि वह कर्ज माफी को लेकर एक दूसरे को कहने को लेकर होड़ कर रहे राजनीतिक दलों के फैशन का हवाला दे रहे थे।
नायडू ने संवाददाताओं से कहा, 'आज कर्ज छूट के लिए कहना राजनीतिक दलों का फैशन बन गया है। जब आज मैं मुंबई में बात कर रहा था, मैंने कर्ज माफी के लिए एक दूसरे को कहने को लेकर होड़ कर रहे राजनीतिक दलों के रूख का हवाला दिया था। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और माकपा, भाकपा और समाजवादी पार्टी ने उनके बयान की आलोचना की।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हम कड़े से कड़े शब्दों में बयान की निंदा करते हैं। किसानों की बदहाली ऐसी है कि वे हर दिन खुदकुशी करने के कगार पर हैं और ऐसे वरिष्ठ नेता इसे फैशन बता रहे हैं, यह भाजपा के लिए शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि कभी उम्मीद नहीं थी की भाजपा किसानों की खुदकुशी को लेकर इस तरह का मजाक करेगी।
आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बयान अमीरों को लेकर उनके पक्षपात को उजागर करता है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने पूछा कि क्या सरकार अब किसानों की हत्या को फैशनेबल करार देगी।
येचुरी ने ट्वीट किया, 'क्या यह सरकार अब किसानों की आत्महत्या को फैशनेबल भी कहेगी? हमें अपने किसानों की कर्ज माफी से ज्यादा काम करने की जरूरत है ना कि उनका मजाक बनाया जाए।
केजरीवाल ने कहा, 'जब आप अमीरों का कर्ज माफ करते हैं तो आपको फैशन नजर नहीं आता। लेकिन किसानों का कर्ज माफ करने पर आप इसे फैशन के तौर पर देखते हैं।
भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने बयान को असंवेदनशील बताया। सपा प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने बयान को इस देश के लोगों के साथ मजाक करार दिया। शिवसेना ने नायडू के बयान को अपमानजनक और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
शिवसेना के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री दिवाकर राउते ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, 'क्या नायडू बयान देने से पहले फैशन शो में गए थे? किसान देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्हें अपने उत्पादों की कीमत नहीं मिल रही है। आप उन्हें उनका मेहनताना नहीं दे रहे और यही कारण है कि वे कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नायडू जैसे वरिष्ठ नेता ने इस तरह की टिप्पणी की है।
उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कृषि कर्ज माफी की घोषणा कर सकारात्मक कदम उठाया है। लेकिन वैकेंया नायडू ने अपने बयान से इस पहल का अपमान किया है।' (भाषा)