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Last Updated : शुक्रवार, 16 दिसंबर 2022 (17:36 IST)

उत्तरी सीमा पर भारतीय सशस्त्र बलों का मजबूत नियंत्रण : जनरल आरपी कलिता

उत्तरी सीमा पर भारतीय सशस्त्र बलों का मजबूत नियंत्रण : जनरल आरपी कलिता - Lieutenant Gen RP Kalita said, Indian Armed Forces have strong control on the northern border
कोलकाता। थलसेना की पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता ने शुक्रवार को कहा कि देश की उत्तरी सीमा से सटे सीमा क्षेत्रों में स्थिरता है और वहां भारतीय सशस्त्र बलों का मजबूत नियंत्रण है। अरुणाचल प्रदेश में तवांग शहर के उत्तर-पूर्व में स्थित सीमावर्ती क्षेत्र यांगत्से में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के एक सप्ताह बाद कलिता ने यह बात कही।

इस क्षेत्र पर चीन की सेना ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ (पीएलए) ने 1962 में भी हमला किया था। कलिता ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर विभिन्न बिंदुओं को लेकर दोनों देशों की सेनाओं की अलग-अलग अवधारणाएं हैं और इनमें से आठ क्षेत्रों की दोनों पक्षों ने पहचान की है।

उन्होंने कहा कि पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में इनमें से एक क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की, जिसका भारतीय बलों ने बहुत मजबूती से जवाब दिया। पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी), लेफ्टिनेंट जनरल कलिता ने कहा, वर्तमान में हम सभी को आश्वस्त करना चाहते हैं कि उत्तरी सीमा से लगते सीमा क्षेत्रों में स्थिरता है और हमारा मजबूत नियंत्रण है।

यह उल्लेख करते हुए कि दोनों पक्षों के सैनिकों को कुछ मामूली चोटें आईं, उन्होंने कहा कि स्थानीय कमांडरों ने मौजूदा प्रोटोकॉल के जरिए बातचीत कर इस मुद्दे को हल कर लिया। पूर्वी सैन्य कमांडर ने कहा, कुछ हिंसा हुई, लेकिन मौजूदा द्विपक्षीय तंत्र और प्रोटोकॉल का सहारा लेते हुए इसे स्थानीय स्तर पर नियंत्रित किया गया।


उन्होंने कहा कि इसके बाद बुमला में एक ‘फ्लैग मीटिंग’ हुई, जिसमें इस मुद्दे को और अधिक सुलझाया गया। यह पूछे जाने पर कि क्या चीन ने कोई घुसपैठ की है या अरुणाचल में भारत की कोई जमीन उत्तरी पड़ोसी के कब्जे में है, सैन्य कमांडर ने कहा कि इसका संक्षिप्त उत्तर ‘नहीं’ है।

कलिता यहां पूर्वी कमान के मुख्यालय फोर्ट विलियम में 51वें विजय दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि समारोह के बाद बात कर रहे थे। विजय दिवस वर्ष 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में पाकिस्तान पर भारत की शानदार जीत के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

सैन्य कमांडर ने कहा कि सशस्त्र बल हमेशा राष्ट्र की रक्षा के लिए तैयार रहते हैं और रक्षा बलों का प्राथमिक कार्य किसी भी बाहरी या आंतरिक खतरे से निपटकर देश की क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा, हम सभी परिस्थितियों और आकस्मिक चीजों से निपटने के लिए तैयार हैं।

नई सड़कों, रेल मार्ग, हवाई अड्डों और संचार लाइनों के निर्माण की ओर इशारा करते हुए कलिता ने कहा कि पिछले 10-15 वर्षों में बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में बहुत ध्यान दिया गया है, जो निश्चित रूप से भारतीय सशस्त्र बलों की अभियानगत क्षमता को बढ़ाने वाला है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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