लालू यादव को बड़ा झटका, पांच साल की सजा
रांची। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के चाईबासा कोषागार गबन मामले में बुधवार को दोषी करार दिया। अदालत ने लालू को इस मामले में पांच साल की सजा सुनाई। उन्हें पांच लाख का जुर्माना भी भरना होगा।
लालू के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र समेत 49 लोगों को भी अदालत ने दोषी करार दिया। अदालत ने जगन्नाथ मिश्र को भी पांच साल की सजा सुनाई। अदालत ने इस मामले में छह लोगों को बरी कर दिया।
950 करोड़ रुपए के चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा कोषागार से 35 करोड़, 62 लाख रुपए फर्जी ढंग से निकालने के मामले में बहस दस जनवरी को पूरी हो गई थी। अदालत ने इस मामले में फैसला अपना फैसला 24 जनवरी तक के लिए सुरक्षित कर लिया था।
इस ताजा फैसले से चारा घोटाले से ही जुड़े देवघर कोषागार मामले में सजा मिलने के बाद जेल में बंद लालू प्रसाद यादव के रिहा होने की संभावना बहुत धूमिल हो गई है।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश स्वर्ण शंकर प्रसाद ने आज इस मामले की सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया और 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा कोषागार से 35 करोड़, 62 लाख रुपए फर्जी ढंग से निकालने से संबद्ध मामले में कुल 56 आरोपियों में से लालू एवं जगन्नाथ मिश्र समेत 50 को दोषी करार दिया जबकि अदालत ने छह लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। अदालत ने दस जनवरी को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
चारा घोटाले से जुड़ा यह तीसरा मामला है जिसमें लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया गया है। पिछले एक माह में आया ऐसा यह दूसरा मामला है। इसके अलावा चारा घोटाले से ही जुड़े एक अन्य मामले में भी फरवरी माह में फैसला आने की संभावना है।
इस बीच लालू के पुत्र एवं बिहार के पूर्व उपमुख्यमत्री तेजस्वी यादव तथा राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद यादव ने आज के मामले में भी लालू को फंसाए जाने की बात कहते हुए उच्च न्यायालय और आवश्यक होने पर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की बात कही है।
इससे पूर्व छह जनवरी को रांची में ही सीबीआई के विषेष न्यायाधीष षिवपाल सिंह की अदालत ने लालू यादव को देवघर कोषागार से जुड़े चारा घोटाले के एक मामले में साढ़े तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं दस लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी और इस मामले में अब तक जमानत न मिल पाने से लालू यादव यहां बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
वहीं आज के चाईबासा कोषागार से जुड़े इस मामले में लालू यादव, जगन्नाथ मिश्र समेत सभी राजनीतिज्ञों एवं प्राशासनिक अधिकारियों को अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 409 के तहत भी दोषी ठहराया है जो आधिकारिक पद पर रहते हुए उसका दुरुपयोग कर अपराध करने पर आरोपी पर लगाई जाती है।
इससे पहले चाईबासा कोषागार से ही गबन के एक अन्य मामले में लालू को वर्ष 2013 में पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। जिस मामले में वह उच्चतम न्यायालय से जमानत पाकर रिहा हो चुके हैं।