लालू के अदालती फैसले से गठबंधन पर नहीं पड़ेगा असर : कांग्रेस
नई दिल्ली। लालू प्रसाद को सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा चारा घोटाले के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद कांग्रेस ने कहा कि इसके कारण राजद के साथ उसके गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि फौजदारी के मामले और राजनीतिक गठबंधन, दो अलग अलग चीजें हैं।
रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत ने चारा घोटाले के एक मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालूप्रसाद सहित 16 लोगों को दोषी करार दिया, जिनको 3 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी, वहीं इस मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र सहित छ: लोगों को अदालत ने निर्दोष करार देते हुए रिहा कर दिया गया।
इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि कानून अपना काम करेगा। इस फैसले के कारण कांग्रेस के राजद के साथ गठबंधन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछने पर तिवारी ने कहा कि यह मामला कोई आज तो शुरू नहीं हुआ। यह मामला 1993-94 में शुरू हुआ था। 1993-94 और आज के बीच राष्ट्रीय जनता दल के साथ हमारा गठबंधन रहा है। संप्रग प्रथम सरकार में वह शामिल रहे थे। हमारा महागठबंधन भी है।
फौजदारी के मामले और राजनीतिक गठबंधन, दो अलग अलग चीजें हैं। पार्टी ने यह भी मांग की कि उच्चतम न्यायालय की निगरानी वाले जांच दल से सृजन मामले की भी जांच करायी जानी चाहिए क्योंकि पार्टी का मानना है कि चारा घोटाले और इस मामले का आधार एक ही है।
उन्होंने कहा कि सृजन घोटाले में भी सरकारी कोष के दुरुपयोग का आरोप है। भारतीय जनता पार्टी यदि यह मानती है कि आज का जो फैसला रांची अदालत ने सुनाया है, सही है तो इसका भी वही बुनियादी आधार है जो सृजन मामले में पूरी तरह से लागू होता है।
उन्होंने साथ ही यह भी आरोप लगाया कि जहां तक सीबीआई और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) का प्रश्न है, यदि आप उनसे उम्मीद करते हैं। भाजपा का जदयू से गठबंधन है तो क्या वे मुख्यमंत्री या किसी मंत्री की जांच करेंगे तो यह काल्पनिक पतंग की उड़ान है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई सरकार के मन मुताबिक काम करने वाले तोते की तरह बर्ताव कर रही है।
तिवारी ने 2जी मामले पर सीबीआई अदालत के फैसलों की चर्चा करते हुए कहा कि अदालत का फैसला अभी वेबसाइट पर अपलोड भी नहीं हुआ था कि सीबीआई एवं ईडी ने कह दिया कि वह इसके खिलाफ अपील करेगी। उन्होंने कहा कि सीबीआई एवं ईडी सरकार की संस्थाएं हैं और उन्हें निष्पक्ष, तथ्यपरक एवं पारदर्शी ढंग से काम करना चाहिए। (भाषा)