बुधवार, 24 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Kashmir is ready to compete with IS, terrorists of more than 30 countries are active
Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: बुधवार, 11 नवंबर 2020 (17:47 IST)

अब IS से मुकाबले को तैयार है कश्मीर, सक्रिय हैं 30 से अधिक देशों के आतंकी

अब IS से मुकाबले को तैयार है कश्मीर, सक्रिय हैं 30 से अधिक देशों के आतंकी - Kashmir is ready to compete with IS, terrorists of more than 30 countries are active
जम्मू। ऐसे में जबकि कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों ने 30 से अधिक देशों के खूंखार माने जाने वाले आतंकियों का मुकाबला आतंकवाद के इन 32 सालों में किया है, वे आईएसआईएस (ISIS) को भी बड़ा खतरा नहीं मानते हैं।
 
एक सेनाधिकारी के अनुसार, भारतीय सेना के लिए आतंकी, आतंकी ही होता है और वह चाहे किसी भी गुट का हो या फिर किसी भी देश का। भारतीय सुरक्षाबल और कश्मीर आईएसआईएस से मुकाबले करने को को पूरी तरह से तैयार है और उनका भी हश्र 30 देशों के आतंकियों की ही तरह होने वाला है।
ऐसे में आपको यह जान कर हैरानगी होगी कि कश्मीर शायद दुनिया का ऐसा आतंकवादग्रस्त इलाका है, जहां 30 देशों के आतंकी सक्रिय हैं और यहां पर अफगान मुजाहिदीनों, तालिबानियों और अल-कायदा के सदस्यों से सुरक्षाबल इन 32 सालों में मुकाबला करते आए हैं और अब कश्मीर में सक्रिय आईएस समर्थकों की हरकतों पर लगातार करीब पांच साल से नजर रखने वाले अधिकारी अब यह जरूर कहने लगे थे कि कश्मीर ने अफगान मुजाहिदीनों, तालिबानियों और अल-कायदा के सदस्यों का मुकाबला किया है और अब वह आईएसआईएस के मुकाबले के लिए भी तैयार है।
 
अगर रक्षाधिकारियों पर विश्वास करें तो अलकायदा का पर्दापण भी कश्मीर में कई साल पहले हो चुका है। एलओसी पर होने वाली मुठभेड़ों में कुछेक अलकायदा सदस्यों को मार गिराया जा चुका है और एक को जीवित पकड़ा गया था। फिलहाल जीवित पकड़ा गया आतंकी जेल में बंद है।
 
कश्मीर में 1988 में जब आतंकवाद शुरू हुआ तो तब स्थानीय आतंकी ही मैदान में थे। वर्ष 1992-93 के मध्य में पाकिस्तान ने पहले अफगान मुजाहिदीनों को इस ओर धकेला। उसके बाद विदेशी आतंकियों की ऐसी बाढ़ कश्मीर में आई की सुरक्षाबलों ने अभी तक 30 से अधिक देशों के उन भाड़े के आतंकियों को कश्मीर में ढेर कर दिया जो सिर्फ पैसे की खातिर और खूबसूरत कश्मीरी औरतों को पाने के लालच में कश्मीर में चल रही तथाकथित आजादी की जंग में कूदे थे।
 
कश्मीर में विदेशी आतंकियों का आना कभी रुका नहीं था। जब रूसी सेना ने अफगानिस्तान में अपना दबाव बढ़ाया तो पाकिस्तान ने उन तालिबानियों को इस ओर धकेल दिया जो अफगानिस्तान से भागकर पाकिस्तानी इलाकों में वापस लौट आए थे।
 
माना की कुछ देर तक वे भारतीय सुरक्षाबलों के लिए चुनौती बनकर उभरे थे पर भारतीय सेना ने सभी आतंकियों को आतंकी के तौर पर लेते हुए उनसे डटकर मुकाबला किया और उन्हें भी परास्त कर दिया।