कर्नाटक में 2,800 कुत्तों को जहर देकर मारा, नारियल और कॉफी बागानों में दफनाया
कर्नाटक विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) एसएल भोजेगौड़ा का सदन में दावा
गरीब बच्चों पर कुत्तों के हमले के खतरे का हवाला देते हुए जद एस नेता भोजेगौड़ा ने कहा कि आवारा कुत्तों को मारने के लिए उन्हें जहरीला मांस खिलाया गया था। उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों का आतंक गरीब बच्चों को प्रभावित करता है।
उन्होंने कहा कि बड़े जजों, मंत्रियों और विधायकों के बच्चे, जो कार या अन्य वाहनों से आते-जाते हैं, शायद वो प्रभावित न हों। लेकिन गरीब बच्चे, जो पैदल स्कूल जाते हैं, उन्हें इन आवारा कुत्तों से खतरा है। यह आतंक बेंगलुरु के कब्बन पार्क में भी है।
विपक्षी दलों के विधायकों ने की यह मांग : कर्नाटक में विपक्षी दलों के विधायकों ने बुधवार को सरकार से राज्य में आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को लागू करने और लोगों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का आग्रह किया। विधायकों ने विधान सौध और विधायकों के आवास के पास आवारा कुत्तों की समस्या को उठाया और विधानसभा अध्यक्ष से हस्तक्षेप की मांग की।
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों को जल्द से जल्द सभी आवारा कुत्तों को सड़कों से स्थायी रूप से आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है, जिस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विधायकों ने यह मांग की है।
प्रश्नकाल के तुरंत बाद इस मुद्दे को उठाते हुए विधानसभा में जनता दल (सेक्युलर) के नेता सी बी सुरेश बाबू ने कहा कि यदि राज्य के सभी निगम उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार कार्रवाई करें तो इससे बच्चों की सुरक्षा होगी।
बेंगलुरु में कुत्तों के काटने के 18000 मामले : भाजपा के वरिष्ठ विधायक सुरेश कुमार ने कहा कि न्यायालय के निर्देशों को देश के सभी हिस्सों में लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले छह महीने में बेंगलुरु में कुत्तों के काटने के 18,000 मामले सामने आए हैं और 18 लोग रेबीज से संक्रमित हुए हैं। इसे बेंगलुरु, मंगलुरु, मैसूरु और अन्य जगहों पर भी लागू किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई : दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों से संबंधित शीर्ष अदालत के फैसले को लेकर देश भर में व्यापक विरोध के बाद सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की एक नयी पीठ गुरुवार को स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।
edited by : Nrapendra Gupta