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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 28 मार्च 2025 (17:18 IST)

नकदी बरामदगी विवाद को लेकर न्यायमूर्ति वर्मा का इलाहाबाद हाई कोर्ट में तबादला

न्यायमूर्ति वर्मा के आधिकारिक आवास में 14 मार्च को रात करीब 11.35 बजे आग लगने के बाद अग्निशमन अधिकारी मौके पर पहुंचे और आग बुझाई तथा इस दौरान उनके घर से अधजले नोट बरामद हुए थे।

नकदी बरामदगी विवाद को लेकर न्यायमूर्ति वर्मा का इलाहाबाद हाई कोर्ट में तबादला - Judge Yashwant Verma transferred to Allahabad High Court
Justice Yashwant Varma news in hindi :  दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा (Yashwant Verma) के आधिकारिक आवास से कथित तौर पर नकदी मिलने से जुड़े विवाद के बीच शुक्रवार को उनका स्थानांतरण इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में कर दिया गया। एक सरकारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई। विधि मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर उनके स्थानांतरण की घोषणा की।
 
उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने इस सप्ताह की शुरुआत में न्यायमूर्ति वर्मा का स्थानांतरण करने की सिफारिश करते हुए कहा था कि यह कदम होली की रात उक्त न्यायाधीश के आधिकारिक आवास में आग और कथित तौर पर नकदी मिलने के मामले में आंतरिक जांच के आदेश से अलग है।ALSO READ: जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ FIR की मांग वाली याचिका पर SC में सुनवाई आज, 6 बार एसोसिएशन ने की CJI से मुलाकात
 
नकदी बरामदगी विवाद की जांच मंगलवार को शुरू कर दी : सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित 3 सदस्ईय आंतरिक समिति ने दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा से जुड़े कथित नकदी बरामदगी विवाद की जांच मंगलवार को शुरू कर दी। समिति में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जी.एस. संधावालिया और कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अनु शिवरामन शामिल हैं। समिति के तीनों सदस्य न्यायमूर्ति वर्मा के 30, तुगलक क्रीसेंट स्थित आधिकारिक आवास पहुंचे। तीनों न्यायाधीश करीब 30-35 मिनट तक न्यायमूर्ति वर्मा के आधिकारिक आवास के अंदर रहे और निरीक्षण किया।ALSO READ: सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक समिति ने शुरू की जांच, जस्टिस वर्मा के घर मिले थे अधजले नोट
 
न्यायमूर्ति वर्मा के आधिकारिक आवास में 14 मार्च को रात करीब 11.35 बजे आग लगने के बाद अग्निशमन अधिकारी मौके पर पहुंचे और आग बुझाई तथा इस दौरान उनके घर से अधजले नोट बरामद हुए थे। इस घटना के बाद 22 मार्च को भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ आरोपों की आंतरिक जांच करने के लिए 3 सदस्यीय समिति गठित की।ALSO READ: क्‍या होता है महाभियोग, क्‍या है इसकी प्रक्रिया और क्‍या होगा जस्टिस यशवंत वर्मा का?
 
न्यायमूर्ति वर्मा ने नकदी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उनके या उनके परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा स्टोररूम में कभी भी नकदी नहीं रखी गई। दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय को सौंपे गए अपने जवाब में न्यायमूर्ति वर्मा ने कहा कि उनके आवास पर नकदी मिलने के आरोप स्पष्ट रूप से उन्हें फंसाने और बदनाम करने की साजिश प्रतीत होते हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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