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Last Updated : गुरुवार, 24 मई 2018 (17:44 IST)

30 लाख नौकरियां कर रही हैं आपका इंतजार

30 लाख नौकरियां कर रही हैं आपका इंतजार - Jobs, GST, Employment, Employment Opportunities
नई दिल्ली। इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में भारी सरकारी निवेश और देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किए जाने से लॉजिस्टिक क्षेत्र में वर्ष 2022 तक 30 लाख रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।


मानव संसाधन सेवा प्रदाता कंपनी टीमलीज़ ने गुरुवार को यहां 'इंडियन लॉजिस्टिक्स रेवोल्यूशन-बिग बेट्स, बिग जॉब्स' नाम से जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश और जीएसटी लागू होने से लॉजिस्टिक्स उद्योग 10.5 फीसदी वार्षिक दर से बढ़ेगा। इसके अनुसार सार्वजनिक निवेश और उद्योग के विकास के साथ लॉजिस्टिक्स सेक्टर 14,19,000 करोड़ रुपए का बाजार बन सकता है।

इसमें कहा गया है कि लॉजिस्टिक क्षेत्र में होने वाले विस्तार का असर उसके सात उप क्षेत्रों- रोड फ्रेट, रेल फ्रेट, वेयरहाउसिंग, जल मार्ग, एयर फ्रेट, पैकेजिंग और कुरियर सेवाओं पर पड़ेगा जिससे 30 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी। इस सेक्टर में नौकरियों की संख्या मौजूदा 1.9 करोड़ है जो वर्ष 2022 तक बढ़कर 1.39 करोड़ पर पहुंच जाएंगी।

इसमें कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र पर 6 लाख करोड़ रुपए के निवेश का वादा किया गया है जिसमें से 50 फीसदी का इस्तेमाल विश्वस्तरीय सड़कों के निर्माण, रेल फ्रेट, जल मार्ग, इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा आधुनिक मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्कों में किया जाएगा। बड़े पैमाने के इस निवेश से लॉजिस्टिक्स की लगत सकल घरेलू उत्पाद के 14.4 फीसदी से कम होकर अगले 4 सालों में दो फीसदी पर आ जाएगी, जिससे लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा होंगी।

रिपोर्ट के अनुसार, आर्थिक विकास, विनियमों, आउटसोर्सिंग एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश के कारण रोड फ्रेट में 18.9 लाख नौकरियां पैदा होंगी जबकि रेल फ्रेट सेक्टर में अगले चार सालों में 40 हज़ार नौकरियां मिलेंगी। एयर फ्रेट से चार लाख और जल मार्गों से परिवहन में 4.5 लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इसके अलावा कारोबार की सुगमता भी इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित करने में मददगार होगी।

इसमें कहा गया है कि आईटी के विकास, पैकेजिंग क्षेत्र के इनोवेशन, बढ़ते शहरीकरण, मल्टीमॉडल परिवहन मॉडल तथा तेज़ी से विकसित होते उपभोक्ता वर्ग एवं आय के साथ पैकेजिंग, वेयरहाउसिंग एवं कुरियर उपक्षेत्रों में बदलाव आएंगे। अगले चार सालों में वेयरहाउसिंग में 1.20 लाख, पैकेजिंग में 40 हज़ार और कुरियर में 60 हज़ार नौकरियां पैदा होंगी। (वार्ता)