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Last Modified: बुधवार, 26 जून 2019 (01:00 IST)

झारखंड के मॉब लिंचिंग मामले पर क्यों चुप है मोदी और राज्य सरकार

झारखंड के मॉब लिंचिंग मामले पर क्यों चुप है मोदी और राज्य सरकार - Jharkhand Mob Lynching,
झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले में मॉब लिंचिंग का दिल दहलाने वाला मामला सामने आया था। भीड़ ने चोरी के शक में एक मुस्लिम युवक की बेरहमी से पिटाई की थी। उस युवक की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। 
 
भीड़ की बेहरमी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें लोग युवक से श्रीराम और जय हनुमान के नारे भी लगवाते दिखाई दे रहे थे। मामला सामने आने के बाद एसआईटी का गठन कर 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पूरे देश में इस घटना को लेकर गुस्सा था, लेकिन इस मामले पर न सिर्फ मोदी सरकार और न राज्य सरकार की चुपी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
 
झारखंड की इस घटना के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा था। राहुल ने ट्‍वीट में कहा था कि 'झारखंड में युवक की बर्बरता से पीट-पीटकर हत्या किया जाना मानवता पर धब्बा है। पुलिस की बर्बरता यह है कि उसने इस घायल लड़के को चार दिन तक अपनी हिरासत में रखा। यह हैरान करने वाला है। हैरान करने वाली बात यह भी है कि भाजपा शासित केंद्र और राज्य सरकार के ताकतवर आवाजें खामोश हैं।
 
प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास ने इस घटना पर ट्वीट किया, ये जाहिल राम के नाम पर बट्टा हैं! समय रहते इस जहालत से सतर्क होकर इसे ख़त्म करिए नहीं तो कल आप और आपके बच्चों को कहीं न कहीं ऐसी ही किसी भीड़ के इसी पागलपन का शिकार होना पड़ेगा! झारखंड के सीएम ऑफिस को टैग करते हुए उन्होंने आगे लिखा, 'योग के मेले से मुक्ति पाकर इस विघटन से प्रदेश बचाओ नहीं तो बचोगे तुम भी नहीं।
 
क्या केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद तथाकथित 'धर्मरक्षकों' की गैंग फिर सक्रिय हो गई है? क्या 'धर्म' के नाम पर हिंसा और डर का माहौल देश में बन रहा है। झारखंड जनाधिकार मोर्चा की एक रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में मौजूदा भाजपा शासन में कम से कम 12 लोग भीड़ द्वारा मारे गए। इनमें 10 मुसलमान हैं और 2 आदिवासी हैं। हिंसा के अधिकतर मामलों में धार्मिक वैमनस्यता सामने आई हैं और हिंसा करने वाले लोगों का संबंध भाजपा या विश्व हिन्दू परिषद और जैसे संगठनों से रहा है।
 
मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में मॉब लिंचिंग की कई घटनाएं सामने आई थीं। पिछले कार्यकाल में एक इंटरव्यू के दौरान मॉ‍ब लिंचिंग के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा था कि मॉब लिंचिंग एक अपराध है, बेशक इसका उद्देश्य कुछ भी हो। कोई भी शख्स किसी भी परिस्थिति में कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता है और हिंसा नहीं कर सकता है। 
 
राज्य सरकारों को भीड़ की हिंसा पर लगाम कसने के लिए प्रभावी उपाय करने चाहिए और अपने नागरिकों की रक्षा करनी चाहिए, चाहे वे किसी भी धर्म, जाति या समुदाय से क्यों न आते हों। एसआईटी का गठन कर चंद लोगों को गिरफ्तार कर क्या धर्म, जाति के नाम पर हो रही हिंसा की घटनाओं पर लगाम लग सकेगी। क्या अल्पसंख्यकों के हितों की बात करने वाली भाजपा सरकार के राज में उसके अनुषांगिक संगठन धर्म के नाम पर डर का माहौल पैदा कर रहे हैं।