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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: जम्मू , मंगलवार, 13 जून 2017 (18:50 IST)

जम्मू-कश्मीर में घुसे सीमापार के आतंकी, बढ़ेंगी मुश्किलें

जम्मू-कश्मीर में घुसे सीमापार के आतंकी, बढ़ेंगी मुश्किलें - Jammu & Kashmir Terrorist infiltration
जम्मू। सीमाओं पर घुसपैठ में तेजी के कारण कश्मीर का माहौल और अशांत हो सकता है। सेना भी मानने लगी हैं कि बीसियों आतंकवादी ताजा घुसपैठ की कोशिशों में कामयाब हो चुके हैं। हालांकि कुछेक को कश्मीर सीमा पर मार गिराया जा चुका है, जबकि बाकी की तलाश जारी है। जम्मू सीमा से घुसने वाले आतंकी अभी तक हाथ नहीं आए हैं।
 
इतना जरूर है कि कश्मीर में आतंकी हिंसा में अचानक आई तेजी से सेना और अन्य सुरक्षाबल चौंक नहीं रहे हैं। वे इस सच्चाई से वाकिफ हैं कि कश्मीर में नागरिक सचिवालय के खुलने के साथ ही आतंकी हिंसा में तेजी इसलिए भी आ जाती है क्योंकि सीमांत पहाड़ों से बर्फ पिघलने का परिणाम घुसपैठ के रूप में ही सामने आता है। इस बार उन्हें चिंता इस बात की भी है कि घुसपैठ रुकने का नाम नहीं ले रही है।
 
सेना प्रवक्ता मानते थे कि मुकाबला इस बार कड़ा हो रहा है। हालांकि वे इसके प्रति कुछ नहीं बोलते थे कि क्या ताजा घुसने वाले आतंकी अल-कायदा या तालिबान से संबंधित हैं पर वे इतना जरूर कहते थे कि सेना के लिए आतंकी, आतंकी ही होता है और उसे नेस्तनाबूद करना ही उनका फर्ज है। पर पुलिस कुछ अधिक चिंतित है। वह नागरिक सचिवालय के श्रीनगर में खुलने के बाद आतंकी हमलों में तेजी आने की चेतावनी दे रही है। यूं तो वह श्रीनगर शहर में करीब 35 हजार जवानों को सुरक्षा के लिए झोंक कर फूल प्रूफ सुरक्षा इंतजाम करने का दावा कर रही है पर खुद ही यह कह कर सभी को दहशतजदा कर रही है कि आतंकी अभी भी जहां चाहे, मार करने की क्षमता रखते हैं।
 
इस बार पिछले पांच महीनों के भीतर करीब 80 आतंकियों को राज्यभर में ढेर किया जा चुका है। इस कामयाबी के लिए 28 सुरक्षाकर्मियों को अपनी शहादत देनी पड़ी है जिसमें सेना के दो वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। सेना को पहुंची क्षति के लिए आतंकियों की ताजा खेप को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है जो अति प्रशिक्षित माने जा रहे हैं। पिछले साल इसी असरे में 28 आतंकी मारे गए थे और 14 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे।
 
‘इसके साफ मायने हैं कि उस पार से घुसपैठ जारी है। इक्का-दुक्का आतंकियों को रोकने में तारबंदी नाकाम हो रही है। एक सेनाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बात करते हुए कहा था। वैसे भी सेना अभी भी एलओसी पर उन क्षेत्रों में तारबंदी की मुरम्मत नहीं कर पाई है, जो बर्फबारी के कारण क्षतिग्रस्त हो गई थी और इन्हीं इलाकों का इस्तेमाल घुसपैठ के लिए आतंकियों द्वारा किया जा रहा है।
 
गुप्तचर सूत्र दावा करते हैं कि घुसपैठियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सेना पिछले 6 माह से राज्यभर में करीब 800 आतंकियों के सक्रिय होने का दावा लगातार किए जा रही है जबकि इस अवधि के दौरान 80 के करीब आतंकी ढेर भी किए जा चुके हैं, जबकि इसी अरसे में राज्य में 25 नागरिक भी मारे जा चुके हैं।