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Last Updated : शनिवार, 2 जनवरी 2021 (15:02 IST)

Srinagar Encounter: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा- सबूत हैं, मुठभेड़ में मारे गए युवक आतंकियों के साथी

Srinagar Encounter: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा- सबूत हैं, मुठभेड़ में मारे गए युवक आतंकियों के साथी - jammu kashmir police says evidence present to claim three youth killed in srinagar lawaypora encounter were militants
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि शहर के परिमपोरा क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए तीन युवाओं में से दो ‘कट्टरपंथी झुकाव’ वाले थे और आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करते थे। पुलिस ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक प्रवक्ता ने यहां एक बयान में कहा कि तीनों में से एक, एजाज मकबूल गनई के परिवार के इस दावे की आधुनिक तकनीकों से जांच की गई कि वह कोई फॉर्म भरने के लिए विश्वविद्यालय गया था तथा यह दावा गलत पाया गया।
 
मारे गए युवकों के परिवारों ने दावा किया है कि उनका आतंकवाद से कोई संबंध नहीं था। उन्होंने यहां पुलिस नियंत्रण कक्ष के बाहर एक प्रदर्शन किया और दावा किया कि मारे गए व्यक्तियों में कक्षा 11 का एक छात्र, विश्वविद्यालय का एक छात्र और एक बढ़ई शामिल था।
 
अधिकारियों ने कहा कि बुधवार को मुठभेड़ में युवकों के मारे जाने के खिलाफ शुक्रवार को श्रीनगर के कई हिस्सों में बंद किया गया। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि मुठभेड़ सेना की ओर से मिली एक जानकारी के बाद शुरू हुई और यह सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और पुलिस का एक संयुक्त अभियान था।
 
प्रवक्ता ने कहा कि घेराबंदी किए जाने के बाद आतंकवादियों ने भीतर से ग्रेनेड फेंका और तलाशी दल पर गोलीबारी की। हालांकि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार आतंकवादियों को सुरक्षाबलों द्वारा शाम और फिर सुबह कई बार आत्मसमर्पण करने की अपील की गई, लेकिन आत्मसमर्पण करने के बजाय उन्होंने गोलीबारी की और अंतत: वे सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए।
 
उन्होंने कहा कि गनई के अभिभावकों के इस दावे की आधुनिक तकनीकों के माध्यम से जांच की गई जिसमें दूरसंचार विभाग के रिकॉर्ड भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि दावों के विपरीत सत्यापित डिजिटल सबूतों से पता चला और इसकी पुष्टि हुई कि गनई और एथर मुश्ताक हैदरपोरा गए थे और वहां से केवल घटनास्थल ही गए थे।
 
पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि एक अन्य युवक जुबैर लोन पहले पुलवामा, फिर अनंतनाग गया था, जहां से वह शोपियां गया और फिर दोबारा पुलवामा और आखिर में परिमपोरा आया था। उन्होंने कहा कि पृष्ठभूमि की जांच से यह भी पता चला है कि गनई और मुश्ताक दोनों आतंकवादियों के लिए काम करते थे और आतंकवादियों को साजोसामान मुहैया कराते थे।
 
प्रवक्ता ने कहा कि जांच से यह भी पता चला कि दोनों कट्टरपंथ झुकाव वाले थे और लश्करे तैयबा के आतंकवादियों तथा अब तथाकथित ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) संगठन की मदद करते थे।
 
पुलिस ने कहा कि वर्तमान में पुलिस हिरासत में बंद आतंकवादियों के एक सहयोगी ने भी लश्कर आतंकी फैजल मुश्ताक बाबा के साथ गनई के संबंध के बारे में बताया है, जो पिछले साल जून में पंपोर के मीज इलाके में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।
 
प्रवक्ता ने कहा कि मुश्ताक हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडर रईस काचरू का रिश्तेदार और आतंकवादियों के लिए काम करता था। काचरू 2017 में मारा गया था। पुलिस ने हालांकि कहा कि वह मामले की जांच कर रही है। प्रवक्ता ने कहा कि फिर भी, पुलिस सभी संभावित कोणों से मामले की जांच कर रही है।
 
नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी सहित मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने इस घटना की निष्पक्ष जांच का आह्वान किया है।

शुक्रवार को बंद के दौरान श्रीनगर के कई हिस्सों, विशेष रूप से पुराने शहर में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। लालचौक सिटी सेंटर के पास स्थित मैसूमा और इसके आस-पास के इलाकों में भी बंद देखा गया। अधिकारियों ने कहा कि हालांकि, इन क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन सामान्य रूप से जारी रहा।
 
सोशल मीडिया पर यह रिपोर्ट सामने आने के बाद बंद रखा गया कि अलगाववादी समूहों ने मुठभेड़ के विरोध में शुक्रवार को घाटी में हड़ताल का आह्वान किया है। (भाषा)