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Last Updated : शुक्रवार, 13 मई 2016 (12:58 IST)

ALERT!! सेक्सी वीडियो से ISIS की हसीनाएं फंसा रही हैं भारतीय युवाओं को...

ALERT!! सेक्सी वीडियो से ISIS की हसीनाएं फंसा रही हैं भारतीय युवाओं को... - ISIS honey trapping Indian youths
आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट (आईएसआईएस) भारत में अपनी जड़ें फैलाने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है। हाल ही में इस कुख्यात आतंकी संगठन की एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। इस संगठन के जो आतंकी सोशल मीडिया के जरिए भारतीय लड़कों को कट्टरपंथी बनाने और आईएस में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं, उनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं।  

ये महिलाएं अर्जेंटीना, श्रीलंका और फिलीपींस से हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि ये भारत में युवा लड़कों को संगठन से जोड़ने की फिराक में हैं। 
आप भी जाने लें कि इस लुभावने ग्रुप्स में 25 लोग हैं जो इंटरनेट पर कम उम्र युवाओं को खूबसूरत विदेशी महिलाओं के मादक वीडियो से पहले लुभाते हैं और फिर उन्हें आतंक के भयानक जाल में फंसा लेते हैं। यह सभी हैंडलर फिलीपींस, केन्या, अर्जेंटीना, पाकिस्तान और श्रीलंका में बैठकर ऐसा कर रहे हैं। इन महिला हैंडलर्स ने अपने छद्म नाम भी रखे हैं जिनके जरिए वे युवाओं से सम्पर्क करती हैं। इनमें से फिलीपींस से केरन, केन्या से अमीना, अर्जेंटीना से फातिमा, श्रीलंका से एजे और अर्जेंटीना से आएशा लीना नाम की महिला आईएसआईएस की हैंडलर बताई जाती हैं। 
 
ऐसा नहीं है कि भारतीय खुफिया एजेंसी कुछ नहीं कर रही है। इंडियन सिक्युरिटी एजेंसियों ने पिछले कुछ महीनों में आईएस के साथ लिंक रखने के आरोप में 49 लोगों को अरेस्ट किया था। इनमें से एनआईए ने 25 को तेलंगाना, महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु से पकड़ा था। वहीं, 24 दूसरी जगहों से अरेस्ट किए गए थे। इन्हीं से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है। 
 
इस खुलासे के बाद ही खुफिया एजेंसियां इन रिक्रूटर्स पर नजर बनाए हुए है। बताया जा रहा है कि ऐसे करीब 25 लोग हैं। ये सभी भारत के बाहर हैं। सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं। ये सभी व्हाट्सएप और फेसबुक का इस्तेमाल कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आईएस रिक्रूटर्स में फिलीपींस, अर्जेंटीना और श्रीलंका की तीन महिलाएं भी शामिल हैं। 
जानिए और याद रखें इन खतरनाक हसीनाओं के नाम... आगे... 

सूत्रों के मुताबिक, फिलीपींस की महिला आतंकी का नाम केरन और श्रीलंका की महिला आतंकी का नाम एजे बताया जा रहा है। वहीं, तीसरी आतंकी अर्जेंटीना से है। उसका नाम फातिमा बताया जा रहा है। भारतीय एजेंसियों के मुताबिक ये इनके डमी नाम हैं। इनकी पहचान छुपाने के लिए ऐसा किया गया है।
 
इसके पहले भी एक महिला हैंडलर उम्म (umm) नाम का इस्तेमाल करती है। इन्हीं में से एक अमीना केन्या की रहने वाली है और यह भारत में युवाओं की भर्ती के लिए 15 से 20 दिनों तक हैदराबाद में भी रह चुकी है। सूत्रों का कहना है कि वह दुबई के रास्ते केन्या से भारत आई थी। 
भारत विरोधी कामों में पाकिस्तान का कोई दखल न हो, ऐसा होना तो कतई संभव नहीं है। पाकिस्तानी हैंडलर्स यूएई में बैठकर जम्मू-कश्मीर के युवाअओं को बरगलाने का काम करते हैं। इस हैंडलर का नाम छद्म नाम खालिद बताया जाता है और यह यूएई से भारत के मुस्लिम युवाओं को केआईके चैटिंग मैसेंजर के जरिए सम्पर्क करता है। 
एनआईए सूत्रों का कहना है कि आईएसआईएस हैंडलर ट्‍विटर पर कई दर्जनों नाम से अकाउंट बना रहे हैं और इन नामों को लेकर भी छद्म नामों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह अब पहले से उपयोग में लाए जाने वाले मैसेंजर्स की बजाए नए-नए चैटिंग मैसेंजरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके चलते वे खुफिया एजेंसियों की निगाह से बचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।  
जानिए कैसे चलता है आतंक का खेल...आगे पढ़ें...  

कैसे लुभाती हैं ये रिक्रूटर्स : इन संदिग्धों ने इंटेलिजेंस एजेंसियों को पूछताछ में बताया कि कैसे आईएस के हैंडलर्स सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर भारतीय यूथ को टारगेट कर रहे हैं। इनके मुताबिक, तीनों महिला रिक्रूटर पहले यंगस्टर्स को ग्रुप्स से जोड़ती हैं। बाद में वीडियो लिंक भेजकर लड़कों का ब्रेनवॉश करती हैं। उन्हें इस्लामिक लिटरेचर भेजा जाता है। कट्टरपंथियों की स्पीच भेजी जाती है।
 
यह बताया जाता है कि मुसलमानों के खिलाफ दुनियाभर में साजिश चल रही हैं। उन्हें हर जगह परेशान किया जा रहा है। उन्हें पैसे और बेहतर जिंदगी जीने का लालच दिया जाता है। इनमें पांच महिलाएं भी शामिल हैं। ये भारत के मुस्लिम युवकों को जिहादी बनने के लिए उकसाती हैं। 
 
सरकारी एजेंसी का कहना है कि अब ये साइबर आतंकवादी ट्‍विटर के माध्यम से अपनी सक्रियता बढ़ा रहे हैं और इसके साथ ही जब आईएस के गुर्गों की भारत में गिरफ्तारी की गई तो इन्होंने अपनी रणनीति में बदलाव करना जरूरी समझा। 
 
पहले ये सिलिकॉन, ट्रिलियन मैसेंजर का इस्तेमाल करते थे अब वीके और केआईके मैसेंजरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। विदित हो कि वीके का सर्वर रूस में है। 
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