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Last Modified: बुधवार, 18 मई 2022 (14:06 IST)

इंद्राणी मुखर्जी को जमानत, साढ़े 6 साल से जेल में बंद थी शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी

इंद्राणी मुखर्जी को जमानत, साढ़े 6 साल से जेल में बंद थी शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी - Indrani Mukerjea granted bail, was in jail for six and a half years, accused of Sheena Bora murder case
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मुंबई के बहुचर्चित शीना बोरा हत्याकांड मामले में मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी की जमानत याचिका बुधवार को स्वीकार कर ली। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, न्यामूर्ति बीआर गवई और न्यामूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने अभियुक्त इंद्राणी की याचिका स्वीकार की।
 
शीर्ष अदालत ने जमानत देते समय इंद्राणी के साढ़े छह साल से अधिक समय तक जेल में कैद रहने के तथ्य पर गौर किया। इंद्राणी के वकील मुकुल रोहतगी ने पिछली सुनवाई पर तर्क देते हुए कहा था कि मुकदमा पिछले करीब साढ़े 6 वर्षों से चल रहा है और शायद यह अगले 10 वर्षों में भी समाप्त नहीं होगा। अभी और भी कई गवाहों से पूछताछ की जानी है, जबकि संबंधित सीबीआई न्यायालय में कोई न्यायाधीश नहीं है।
 
न्यायमूर्ति राव ने रोहतगी से पूछा था कि कितने गवाहों की गवाही बाकी है। इस पर उन्होंने जवाब दिया था कि 185 गवाहों की गवाही बाकी है। लगभग डेढ़ सालों से किसी की गवाही नहीं हुई है। वर्ष 2021 के जून से संबंधित न्यायालय में न्यायाधीश का पद खाली है।
 
उन्होंने अभियुक्त मुखर्जी के छह साल से अधिक समय से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद रहने तथा अभियुक्त की बीमारी का भी जिक्र करते हुए जमानत देने की गुहार लगाई थी। मुख्य अभियुक्त ने सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष बयान दिया था कि जेल की एक कैदी ने उन्हें (इंद्राणी) बताया था कि उसकी कश्मीर में शीना से मुलाकात हुई थी।
 
सीबीआई की विशेष अदालत में केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोपी इंद्राणी मुखर्जी की उस बयान पर जवाब दाखिल किया था, जिसमें शीना के जिंदा होने के उसके (इंद्राणी) दावे की जांच की मांग की गई थी।
 
अपनी बेटी शीना की हत्या के मामले में 2015 में गिरफ्तार इंद्राणी की जमानत याचिका बांबे उच्च न्यायालय ने अस्वीकार कर दी थी। इससे पहले 2016 से वर्ष 2018 तक सीबीआई की विशेष अदालत जमानत की अर्जी कई बार अस्वीकार कर चुकी थी। वर्ष 2015 में शीना की हत्या कर दी गई थी।

इस मामले में सीबीआई ने इंद्राणी और उसके पूर्व पति एवं तत्कालीन पति के अलावा कार चालक के खिलाफ हत्या, अपहरण और सबूत मिटाने समेत विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
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