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  4. Indias strength increased due to G20 summit, China came on backfoot
Written By वृजेन्द्रसिंह झाला
Last Modified: सोमवार, 11 सितम्बर 2023 (20:27 IST)

G20 समिट से बढ़ी भारत की 'ताकत', बैकफुट पर आया चीन

G20 Summit
राजधानी दिल्ली में आयोजित हुए जी20 सम्मेलन के बाद निश्चित ही भारत एक बड़ी 'ताकत' के रूप में उभरा है। कूटनीतिक तौर पर भारत को इस आयोजन में बड़ी सफलता मिली। इस बड़े आयोजन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी टीम ने बड़े ही संतुलित तरीके से अमेरिका को तो साधा ही, उसके धुर विरोधी रूस को भी नाराज नहीं किया। चीन के मोर्चे पर भी बढ़त हासिल की। 
 
इस सम्मेलन के बाद चीन के सुर भी बदले-बदले नजर आ रहे हैं। चीन ने कहा कि G20 के ‘नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन’ से एक सकारात्मक संकेत गया है। वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए इस ग्रुप ने हाथ मिला लिया है। इसमें विकासशील देशों की चिंताओं को महत्व दिया गया है। 
 
संयुक्त राष्ट्र में पॉलिसी अधिकारी सिद्धार्थ राजहंस ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि इसमें कोई संदेह नहीं कि चीन के मामले में इस समि‍ट के माध्यम से भारत ने काफी बढ़त हासिल की है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का शिखर सम्मेलन में नहीं आना और उनकी जगह प्रधानमंत्री ली कियांग का आना यह दर्शाता है कि जिनपिंग अंतरराष्ट्रीय कम्युनिटी का सामना नहीं करना चाहते थ। भारत ने इस अवसर को अपने पक्ष में बहुत ही अच्छी तरह से भुनाया है, खासकर चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के मुद्दों को लेकर। 
 
राजहंस कहते हैं कि रूस के साथ पश्चिमी देशों के रिश्तों में खटास के साथ अमेरिका और चीन के संबंधों में आई दरार का फायदा दिल्ली को मिल सकता है। यह समय न सिर्फ अपनी ताकत बढ़ाने का है बल्कि चीन का ग्लोबल कनेक्ट कम कर भारत उसे 'बैकफुट' पर ला सकता है। इससे भारत दुनिया में एक नई ताकत के रूप में उभर सकता है। लंबे समय से भारत को वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ' कहा जा रहा, अब भारत इसे पूरी तरह हकीकत में बदल सकता है। जी20 में अफ्रीकी संघ को शामिल करना भारत के लिए फायदेमंद हो सकता है। जाहिर है भारत जियो पॉलिटिक्स में आने वाले समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। 
समि‍ट पर करीबी नजर रखने वाले सिद्धार्थ कहते हैं कि मैं समिट के दौरान वैश्विक लीडर्स और उनके डेलीगेशंस के साथ रहा हूं। ऐसे में कह सकता हूं कि इस बार का शिखर सम्मेलन जी20 को एक नई दिशा में लेकर जाएगा। भारत को वैश्विक नेता बहुत ही सम्मान की दृष्टि से देख रहे हैं। 
 
दूसरी बात, किसी भी चीज की ब्रांडिंग मोदी सरकार का सबसे मजबूत पक्ष रहा है। इस आयोजन के माध्यम से सरकार ने इसे साबित भी कर दिया है। सच कहूं तो दिल्ली को इतना सुदर मैंने कभी नहीं देखा। इसकी ब्रांडिंग बहुत अच्छे से की गई।  जी20 समि‍ट के माध्यम से पूरी दुनिया को भारत की बदलती तस्वीर को दिखाया गया है। दिल्ली को देखकर ज्यादातर लोगों ने कहा कि यह एक वैश्विक महानगर (Global Metropolis) है।
 
राजहंस कहते हैं कि सरकार ने इस आयोजन के दौरान कूटनीतिक सूझबूझ का परिचय दिया। समिट में यूक्रेन का मुद्दा तो उठाया गया, लेकिन इस तरीके से कि रूस नाराज न हो। खास बात यह रही कि रूस ‍के विदेश मंत्री लावरोव ने भी इस पर संतोष व्यक्त किया। दिल्ली डिक्लेरेशन आप में ऐतिहासिक पल है। 
 
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेतृत्व में G20 समिट को एक डिप्लोमेटिक सम्मेलन से ज्यादा एक राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाया गया है। इससे न सिर्फ भारत में मोदी की लोकप्रियता बढ़ेगी, ‍बल्कि वैश्विक नेता के रूप में भी उनकी छवि मजबूत होगी। कुल मिलाकर सरकार ने इस पूरे आयोजन को देश हित में भुनाने का भरपूर प्रयास किया है। आने वाले समय में इसके परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं। 
 
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