#IndiaChinaBorderTension : भारत ने पैंगोंग के दक्षिणी किनारे चीनी घुसपैठ को किया नाकाम, दोनों देशों के सैनिकों के बीच खूनी झड़प
जम्मू। लद्दाख सेक्टर में चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच एक बार फिर खूरेंजी झड़पें हुई हैं। दोनों पक्षों के सैनिक घायल भी हुए हैं। ये झड़पें तब हुईं जब चीनी सैनिकों ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की और भारतीय जवानों ने उसे रोकने की कोशिश की।
भारतीय सेना के दावानुसार, चीनी सैनिकों को पीछे धकेला जा चुका है और जवानों के जख्मी होने की खबरों की आधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।चीनी सैनिकों ने एक बार फिर से एलएसी पर घुसपैठ करने की कोशिश की। इस दौरान दोनों देशों के जवानों के बीच झड़प भी हुई।
जानकारी के मुताबिक चीनी सैनिकों ने पैंगोंग झील के पास घुसपैठ करने की कोशिश की। भारतीय जवानों ने जब इसका विरोध किया तो चीनी सैनिक मारपीट पर अमादा हो गए। इस झड़प में भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया है।
29 और 30 अगस्त की रात को हुई इस झड़प में कोई घायल हुआ या नहीं, इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिल सकी है। पर रक्षा सूत्र कहते हैं कि दोनों ओर से करीब दो दर्जन जवान जख्मी हुए हैं। पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी सैनिकों की गतिविधि का भारतीय सेना ने विरोध किया। भारतीय जवानों ने इसका विरोध किया। जिस पर खूनी झड़प हो गई।
घटना के बाद भारत ने उस इलाके में जवानों की संख्या को बढ़ा दिया है, वहीं इस झड़प के बाद भी चुशुल में ब्रिगेड कमांडर लेवल की वार्ता जारी है। अभी तक की बातचीत में दोनों देश पहले जैसी स्थिति को वापस लाने पर राजी हो गए हैं, लेकिन चीन की ओर से जमीनी स्तर पर अपना वादा नहीं निभाया जा रहा है।
भारतीय सेना ने इस बार खुद एलएसी पर झड़प की जानकारी दी है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करके बताया कि 29-30 अगस्त को चीन सीमा के पैंगोंग के पास चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की। जिसे भारतीय जवानों ने बड़ी बहादुरी के साथ नाकाम कर दिया है।
जानकारी के लिए ड्रैगन बैठकों में तो शांति की बात करता है, लेकिन हकीकत में ऐसा करना नहीं चाहता है। वह बातचीत में तो पीछे हटने को तैयार हो जाता है, लेकिन धरातल पर अपने वादे को नहीं निभा रहा है। वह लगातार एलएसी पर सैन्य गतिविधियां बढ़ा रहा है, जिसके चलते तनाव बढ़ता ही जा रहा है।
याद रहे इससे पहले लद्दाख में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इस झड़प में 45 से ज्यादा चीनी सैनिकों के भी मारे जाने का दावा किया गया था। 1975 के बाद से ऐसा पहली बार हुआ था जब एलएसी पर खून बहा हो।
चीन का खंडन : चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक़ चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि चीन की सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा का सख्ती से पालन करती है और चीन की सेना ने कभी भी इस रेखा को पार नहीं किया है। दोनों देशों की सेना इस मु्द्दे पर संपर्क में हैं।