गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. In the non-Muslim refugee case, the Center gave this answer to the Supreme Court
Written By
Last Modified: मंगलवार, 15 जून 2021 (00:25 IST)

गैर मुस्लिम शरणार्थी मामले में केंद्र ने दिया सुप्रीम कोर्ट को यह जवाब...

गैर मुस्लिम शरणार्थी मामले में केंद्र ने दिया सुप्रीम कोर्ट को यह जवाब... - In the non-Muslim refugee case, the Center gave this answer to the Supreme Court
नई दिल्ली। केंद्र ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा और पंजाब के 13 जिलों में रहने वाले गैर-मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने की खातिर आमंत्रित करने की अधिसूचना संशोधित नागरिकता कानून, 2019 (सीएए) से संबंधित नहीं है। इसके साथ ही केंद्र ने कहा कि यह (अधिसूचना) केंद्र सरकार के पास निहित शक्ति स्थानीय अधिकारियों को सौंपने की प्रकिया मात्र है।

गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2004, 2005, 2006, 2016 और 2018 में भी इसी तरह का अधिकार दिया था और विभिन्न विदेशी नागरिकों के बीच उस पात्रता मानदंड के संबंध में कोई छूट नहीं दी गई है जो नागरिकता कानून 1955 और उसके तहत बनाए गए नियमों में निर्धारित है।

गृह मंत्रालय ने अपने हलफनामे में कहा कि 28 मई, 2021 की अधिसूचना सीएए से संबंधित नहीं है, जिसे कानून में धारा 6बी के रूप में प्रविष्ट किया गया है। यह सिर्फ केंद्र सरकार के अधिकार स्थानीय अधिकारियों को सौंपने के लिए है।
हलफनामे में कहा गया है कि यह और अधिक जिलों के जिलाधिकारियों तथा अधिक राज्यों के गृह सचिवों को नागरिकता प्रदान करने के लिए शक्ति दिए जाने के संबंध में है। गृह मंत्रालय ने कह कि उक्त अधिसूचना में विदेशियों को कोई छूट नहीं दी गई है और केवल उन विदेशी लोगों पर लागू होती है, जिन्होंने कानूनी रूप से देश में प्रवेश किया है।
यह हलफनामा इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में दायर किया गया है। इसमें कहा गया है कि 28 मई, 2021 की अधिसूचना ऐसे विदेशियों के नागरिकता आवेदनों के शीघ्र निपटारे के लिए विकेंद्रीकरण की एक प्रक्रिया है, क्योंकि अब प्रत्येक मामले की जांच के बाद निर्णय जिला या राज्य स्तर पर ही लिया जाएगा।
आईयूएमएल ने एक जून को उच्चतम न्यायालय में केंद्र की अधिसूचना को चुनौती दी थी। याचिका में दलील दी गई थी कि सीएए के प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली आईयूएमएल द्वारा दायर लंबित याचिका में केंद्र न्यायालय को दिए गए आश्वासन को दरकिनार करने की कोशिश कर रहा है।(भाषा)
ये भी पढ़ें
महाराष्ट्र में Corona के 8129 नए मामले, 200 मरीजों की मौत