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Last Modified: मंगलवार, 1 अगस्त 2023 (00:46 IST)

Delhi Services Bill : दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा बिल आज लोकसभा में किया जाएगा पेश, संसद में हंगामे के आसार

Delhi Services Bill :  दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा बिल आज लोकसभा में किया जाएगा पेश, संसद में हंगामे के आसार - home minister amit shah will present delhi ordinance bill will come in lok sabha arvind kejriwal
नई दिल्ली। Delhi Ordinance 2023 : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज लोकसभा में दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवा से जुड़ा विधेयक 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक-2023 ' को पेश करेंगे। 1 अगस्त को लोकसभा में होने वाले संशोधित कार्य सूची में इस विधेयक को शामिल किया गया है। इससे पहले यह बिल कल सोमवार 31 जुलाई को पेश किया जाना था, लेकिन किन्हीं वजहों से सरकार ने इसे पेश नहीं किया था। इस बिल का केजरीवाल विरोध कर रहे हैं। बिल को देखते हुए हंगामे के भी आसार हैं। 
 
दिल्ली में समूह-ए के अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना के लिए एक प्राधिकार के गठन के लिहाज से लाए गए अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक को लोकसभा में पेश करने के लिए सदन की मंगलवार की संशोधित कार्य सूची में शामिल किया गया है।
 
लोकसभा की मंगलवार की संशोधित कार्यसूची के मुताबिक, गृह मंत्री अमित शाह सदन में 'राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक’ पेश करेंगे और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय दिल्ली से जुड़े अध्यादेश के स्थान पर तत्काल इस विधेयक को लाने के कारणों को स्पष्ट करते हुए सदन में अपनी बात रखेंगे।
 
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक’ को मंजूरी दी थी। यह 19 मई को केंद्र द्वारा लाये गये अध्यादेश की जगह लेने के लिए पेश किया जाएगा।
 
केजरीवाल कर रहे हैं विरोध : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी ने अध्यादेश का कड़ा विरोध किया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी इस अध्यादेश के विरुद्ध हैं।
 
सुप्रीम कोर्ट गया था मामला : केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश 19 मई को लाया गया था। इससे एक सप्ताह पहले उच्चतम न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को सेवा से जुड़े मामलों का नियंत्रण प्रदान कर दिया था हालांकि उसे पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से जुड़े विषय नहीं दिये गए।
 
शीर्ष अदालत के 11 मई के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती उपराज्यपाल के कार्यकारी नियंत्रण में थे।
 
इस अध्यादेश में कहा गया है कि ‘राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्रधिकरण नाम का एक प्राधिकरण होगा, जो उसे प्रदान की गई शक्तियों का उपयोग करेगा और उसे सौंपी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगा। एजेंसियां
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