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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : बुधवार, 12 अगस्त 2020 (07:58 IST)

खास खबर : अयोध्या की तरह मथुरा में श्रीकृष्णजन्म भूमि को मुक्त कराने के लिए आंदोलन की सुगबुगाहट

जन्माष्टमी के बाद आंदोलन की रणनीति पर मंथन के लिए संतों को बैठक

खास खबर : अयोध्या की तरह मथुरा में श्रीकृष्णजन्म भूमि को मुक्त कराने के लिए आंदोलन की सुगबुगाहट - Hindu Organisations gearing up to reclaim  Krishna Janmabhoomi in Mathura.
अयोध्या में राममंदिर के शिलान्यास के बाद अब मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराने के लिए साधु संतों ने अपनी मुहिम तेज कर दी है। भाजपा नेता विनय कटियार, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज और संत आचार्य देवमुरारी बापू अब मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराने के लिए खुलकर सामने आ गए है। 
 
आंदोलन के लिए ट्रस्ट का गठन - मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराने के लिए वृंदावन के संत आचार्य देवमुरारी बापू ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि निर्माण न्यास का गठन कर संतों के आंदोलन का शंखनाद कर दिया है। वेबदुनिया से बातचीत में आचार्य देवमुरारी बापू कहते हैं कि ट्रस्ट का उद्देश्य श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराकर वहां भगवान श्री कृष्ण का भव्य मंदिर बनाना है। जन्माष्टमी के बाद वृंदावन में साधु संतों की बड़ी बैठक कर आंदोलन को तेज करने की रणनीति पर काम होगा। 
 
अपनी इस मुहिम को राष्ट्रव्यापी आंदोलन बनाने के लिए ट्रस्ट ने मथुरा से हस्ताक्षर अभियान शुरु कर दिया है और कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के बाद पूरे देश में जनजागरण आंदोलन शुरु होगा। 
 
बातचीत में देवमुरारी बापू कहते हैं कि उन्होंने 22 जुलाई 2020 को श्रीकृष्ण जन्मभूमि निर्माण ट्रस्ट का गठन किया है, जिसमें अब तक 25 से ज्यादा धार्मिक संगठन जुड़ चुके है। वह बताते हैं कि ट्रस्ट में 14 राज्यों के 80 से ज्यादा संत,महामंडलेश्वर को जोड़ा गया है। 
जन्माष्टमी के बाद तेज होगी मुहिम -'वेबदुनिया' से बातचीत में ट्रस्ट के अध्यक्ष देवमुरारी बापू कहते हैं कि जन्माष्टमी के बाद साधु संतों की बैठक वृंदावन में की जाएगी जिसमें आगे की रणनीति पर मंथन होगा। वहीं कोरोना संक्रमण कम होने के बाद मथुरा में देश भर के साधु संतों का एक बड़ा सम्मेलन करने की योजना पर काम कर रहा है जिसमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि को कैसे मुक्त कराया जाए इसकी रणनीति पर मंथन होगा। उनका एकमात्र उद्देश्य इस मुहिम में सबको साथ लेकर आगे बढ़ाना है, चाहे वह अखाड़ा परिषद हो या अन्य संगठन।
 
पूरी तरह धार्मिक आंदोलन -'वेबदुनिया' के इस सवाल पर कि क्या वह अपनी मुहिम में राजनीतिक दलों और खास  विचारधा वाले संगठनों से भी संपर्क कर रहे है, इस पर देवमुरारी बापू साफ कहते हैं कि जो भी राजनीतिक दल या संगठन उनकी विचारधारा के साथ आकर उनकी मुहिम में आगे आकर समर्थन देगा वह उसका समर्थन लेंगे। बातचीत में वह साफ शब्दों में कहते हैं कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराने की मुहिम उनका पूरी तरह धार्मिक है और इसके पीछे कोई राजनीतिक उद्धेश्य नहीं है।  
 
लंबी चलेगी लड़ाई –'वेबदुनिया' से बातचीत में आचार्य देवमुरारी बापू कहते हैं कि उनका आंदोलन लंब चलेगा, वह कहते हैं कि अयोध्या में रामलला के लिए मंदिर का फैसला होने में बरसों लग गए, इसी तरह श्रीकृष्ण जन्म भूमि की लड़ाई लंबी चलेगी। वह कहते हैं कानूनी लड़ाई के लिए वह ट्रस्ट से सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के वकीलों को भी जोड़ रहे है। वह कहते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की भूमि को मुक्त कराने के लिए ट्रस्ट कानूनी लड़ाई लड़ने के साथ अपने मुहिम के सर्मथन में सदस्यता अभियान भी चलाएगा।
अखाड़ा परिषद भी शुरु करेगा मुहिम – वहीं देश में संतों के सबसे बड़े संगठन आखिल भारतीय अखाड़ा परिषद भी काशी और श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराने के लिए मुहिम छेड़ेगा। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज कहते हैं कि राममंदिर के बाद अब मथुरा और काशी को मुक्त कराने की परिषद जल्द अपना आंदोलन शुरू करेगा।

नरेंद्र गिरी महाराज कहते हैं काशी और मथुरा में हिंदुओं के नाम पर जो कलंक लगा है उसका मिटाना जरूरी है और इसके लिए साधु संत शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन चलाकर और कोर्ट के जरिए कानूनी लड़ाई लड़कर ही काशी और मथुरा को भी अयोध्या की तरह मुक्त कराएंगे। 
 
वहीं राममंदिर आंदोलन और हिंदुत्व के फायर ब्रांड नेता विनय कटियार भी कह चुके है कि अयोध्या के बाद अब काशी-मथुरा हमारे एजेंडे में हैं। वहीं इस मुद्दें पर अभी विश्व हिंदू परिषद और संघ खुलकर कुछ भी बोलने से बच रहे है।