आपदा में 'अवसर', 360 किमी मरीज ले जाने का किराया 1.20 लाख..!
चंडीगढ़। कोरोनावायरस महामारी के दौर में जब लोग शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान हैं, ऐसे समय में लोगों की मदद करनी चाहिए। बहुत से लोग मदद कर भी रहे हैं, लेकिन कुछ लोग इस दौर में भी लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर खुद को 'नरपिशाच' साबित करने में लगे हुए हैं।
यह मामला भी कुछ ऐसा ही है। मरीज के परिजनों का आरोप है कि कोविड-19 संक्रमित एक बुजुर्ग महिला को गुरुग्राम से एक निजी एम्बुलेंस द्वारा पंजाब के लुधियाना ले जाने के लिए 1.20 लाख रुपए वसूले गए हैं।
महिला के दामाद ने शुक्रवार को कहा कि गुरुग्राम में उनके लिए बिस्तर नहीं मिल पाने पर उन्होंने मरीज को 3 मई को लुधियाना ले जाने का फैसला किया, जहां उन्हें एक अस्पताल में एक बिस्तर मिला था।
महिला के रिश्तेदार ने कहा कि मेरी सास का ऑक्सीजन स्तर कोविड के कारण बहुत कम हो गया था। मैं गुरुग्राम में एक अस्पताल में बिस्तर तलाश रहा था, लेकिन वह नहीं मिल पा रहा था। इस बीच, मेरी पत्नी ने मुझे बताया कि लुधियाना के एक अस्पताल में एक बिस्तर उपलब्ध है, जिसके बाद हमने उन्हें वहां ले जाने का फैसला किया।
महिला की बेटी ने लुधियाना में कहा कि चूंकि एंबुलेंस आसानी से उपलब्ध नहीं हैं, उन्होंने किसी तरह दिल्ली के एक ऑपरेटर से संपर्क किया जो मरीज को लुधियाना ले जाने के लिए सहमत हो गया, लेकिन शुरुआत में 1.40 लाख रुपए की मांग की।
हालांकि, वह तब 20 हजार रुपए कम लेने पर सहमत हो गया जब उसे यह बताया गया कि परिवार के पास ऑक्सीजन उपलब्ध है। मरीज की बेटी ने कहा कि अग्रिम के रूप में एम्बुलेंस ऑपरेटर को 95 हजार रुपए का भुगतान किया गया जबकि शेष 25 हजार रुपए का भुगतान तुरंत लुधियाना पहुंचने पर किया गया।
उन्होंने कहा कि यह कहने पर कि राशि काफी अधिक है, इसके बावजूद एम्बुलेंस संचालक पर इसका असर नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस ऑपरेटर के चालक ने उन्हें 1.20 लाख रुपए की रसीद भी जारी की।
बाद में, उनके परिवार के किसी व्यक्ति ने इस रसीद को सोशल मीडिया पर डाल दिया, जिसके बाद इसे व्यापक रूप से साझा किया गया और मामला दिल्ली पुलिस तक पहुंच गया और मामला दर्ज किया गया।