कई बार मौत को मात दे चुके थे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, भोपाल से गहरा था नाता
भोपाल। तमिलनाडु के कुन्नूर में CDS बिपिन रावत समेत सेना के 14 अफसरों को ले जा रहे हेलिकॉप्टर क्रैश में घायल हुए ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह का निधन हो गया है। हेलिकॉप्टर हादसे में एकमात्र जिंदा बचे ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह गंभीर रूप से घायल हुए थे और उनका बेंगलुरु के सेना अस्पताल में इलाज चल रहा था।
ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह का मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से काफी गहरा नाता था। वरूण के पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह सेना में थे और अब अपनी पत्नी के साथ भोपाल में ही रहते है। हादसे के बाद पिता केपी सिंह बेंगलुरु में ही थे। वरूण सिंह का छोट भाई कमांडर तनुज सिंह जो नौसेना में है और वर्तमान में मुंबई में रहते थे।
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह कई बार मौत को मात दे चुके थे और उनके साहस के लिए उन्हें स्वतंत्रता दिवस पर शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। वरुण सिंह को यह अवॉर्ड फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम खराब होने के बाद भी 10 हजार फीट की ऊंचाई पर तेजस विमान की सफल लैंडिग कराने पर दिया गया था। इस घटना में वरूण सिंह ने तेजस की सुरक्षित लैंडिग कराई थी।
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन की खबर मिलते ही भोपाल में उनके पड़ोसी भी शोक में डूब गए है। ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह के परिवार भोपाल में नहीं है लेकिन उनके निधन की सूचना मिलते ही पड़ोसी उनके घर के पास इक्ट्ठा हुए और अपनी संवेदना दी। उनके पड़ोसी बताते है कि पिता केपी सिंह के माध्यम से वरूण सिंह के निधन की सूचना मिली थी।
भोपाल में ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह के पड़ोसी कर्नल ईशान सिंह के मुताबिक दो सप्ताह पहले ही वरूण भोपाल आए थे और 10 दिन परिवार के साथ थे। आज उनके पड़ोसी उनके साथ बिताए हुए दिनों को याद कर भावुक हो उठे।