E cigarette ban : सरकार को पहले ही दिन हुआ 1,000 करोड़ का मुनाफा, जानिए कैसे
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके तहत अब अब ई-सिगरेट का आयात करना, बिक्री करना या उसे रखना कानूनन अपराध माना जाएगा। सरकार ने इस प्रतिबंध को लेकर लोगों की सेहत का हवाला दिया है। सरकार ने जरूर लोगों के स्वास्थ्य का हवाला दिया है, लेकिन क्या सच में ऐसा ही है?
जांच-पड़ताल करने पर पता चला कि ई-सिगरेट पर बैन लोगों के स्वास्थ्य से ज्यादा सरकार की अपनी 'सेहत' के लिए अच्छा है तथा सरकार ने यह फैसला 'स्वहित' में लिया है। इसमें लोगों की सेहत के नुकसान से ज्यादा सरकार का अपना फायदा ज्यादा है। इस पर बैन का सीधा फायदा सरकार को होगा।
पहले ही दिन हुआ 1 हजार करोड़ का फायदा : दो तंबाकू कंपनियों आईटीसी लिमिटेड और वीएसटी इंडस्ट्रीज लिमिटेड में सरकार के शेयर हैं। इन दो कंपनियों में सरकार ने अपने पैसे लगा रखे हैं। ई-सिगरेट के बैन होने का फायदा तंबाकू उत्पाद बेचने वाली इन दोनों ही कंपनियों को होगा और इनके फायदे में आने से सरकार को सीधा आर्थिक फायदा मिलेगा।
शेयर बाजार में आया उछाल : जैसे ही केंद्र सरकार ने ई-सिगरेट पर बैन का ऐलान किया, तत्काल ही शेयर बाजार में तंबाकू कंपनियों के शेयर में उछाल देखा गया। शेयर मार्केट की हलचल से सिर्फ बुधवार को ही सरकार को 1,000 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है और यह मुनाफा तंबाकू कंपनियों शेयर की कीमतों में उछाल की वजह से हुआ।
क्या होती है ई-सिगरेट? : यह एक इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट, ई-सिगरेट या वाष्पीकृत सिगरेट एक बैटरी चालित उपकरण है। यह निकोटिन या गैरनिकोटिन के वाष्पीकृत होने वाले घोल की सांस के साथ सेवन की जाने वाली खुराक प्रदान करता है। एक चीनी फार्मासिस्ट ने ईजाद किया था। यह सिगरेट, सिगार या पाइप जैसे धूम्रपान वाले तंबाकू उत्पादों का एक विकल्प है। इसमें कोई धुआं या दहन नहीं होता है। 'विश्व तम्बाकू दिवस' पर राजस्थान में इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
क्या-क्या होते हैं इससे नुकसान? : ई-सिगरेट के सेवन से लती को दिल की बीमारी, निकोटिन की लत लगना, गर्भवती महिलाओं को नुकसान होना, खुशबूदार केमिकल से कैंसर की आशंका तथा हृदय व फेफड़ों से संबद्ध अनेक बीमारियों का खतरा होता है।