‘ठुमरी साम्राज्ञी’ गिरिजा देवी को मरणोपरांत 'लाइफटाइफ अचीवमेंट' पुरस्कार
नई दिल्ली। प्रख्यात शास्त्रीय गायिका दिवंगत गिरिजा देवी को संगीत में उनके महती योगदान के लिए मरणोपरांत प्रतिष्ठित 'सुमित्रा चरत राम पुरस्कार' से सम्मानित किया जाएगा।
यह पुरस्कार 17 नवंबर को कमानी सभागार में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी इस प्रसिद्ध ठुमरी गायिका की पुत्री सुधा दत्ता को प्रदान करेंगे।
श्रीराम भारतीय कला केंद्र (एसबीकेके) की निदेशक शोभा दीपक सिंह ने कहा, ‘बेहद भारी मन से यह कहना पड़ रहा है कि उन्हें यह सम्मान मरणोपरांत दिया जा रहा है। उन्होंने इस साल मार्च में केंद्र के श्रीराम शंकरलाल संगीत समारोह में गायन किया था और तब लोग इस बात से अनजान थे कि यह उनका लगभग अंतिम कार्यक्रम होगा।’
‘ठुमरी साम्राज्ञी’ का बीते महीने देहांत हुआ था। मार्च में एसबीकेके में अपनी प्रस्तुति के दौरान उन्होंने कहा था, ‘मैं नहीं जानती कि मैं कब तक गाऊंगी, लेकिन यहां गाना मेरे लिए हमेशा घर वापसी के समान है।’ लगभग 80 वर्षीय गायिका एसबीकेके परिवार से इसकी स्थापना के समय वर्ष 1952 से जुड़ी थीं।
यह पुरस्कार दिल्ली की जानी मानी कला संरक्षक सुमित्रा चरत राम की बेटी शोभा दीपक सिंह ने उनकी याद में शुरू किया था।
इससे पहले यह सम्मान पंडित बिरजू महाराज, पंडिज जसराज, किशोरी अमोनकर, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया एवं अन्य संगीतकारों को दिया जा चुका है।
पद्म विभूषण से सम्मानित गिरिजा देवी सेनिया और बनारस घराने की शास्त्रीय गायिका थीं। उन्होंने शास्त्रीय एवं सुगम संगीत में गायन किया। (भाषा)