Tirupati Temple: जी. किशन रेड्डी ने किया TTD के फैसले का स्वागत, कहा केवल हिन्दू कर्मचारी ही काम करें
कहा कि गैर हिन्दू कर्मचारियों को राज्य के अन्य स्थानों पर तैनात करें
Tirupati Temple: केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने आंध्रप्रदेश में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में केवल हिन्दुओं को सेवा की अनुमति देने के तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के फैसले का मंगलवार को स्वागत करते हुए नई दिल्ली में कहा कि गैर-हिन्दू कर्मचारियों को राज्य के अन्य स्थानों पर तैनात किया जाना चाहिए।
नवगठित तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड ने सोमवार को अपनी पहली बैठक में कथित तौर पर एक प्रस्ताव पारित किया कि केवल हिन्दुओं को ही मंदिर में सेवा करने की अनुमति दी जाएगी और बोर्ड द्वारा भर्ती किए गए गैर-हिन्दू कर्मचारियों को या तो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी जाएगी या उन्हें अन्य सरकारी विभागों में स्थानांतरण का विकल्प चुनने के लिए कहा जाएगा।
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उसने सोमवार को एक बयान में कहा कि बोर्ड ने अपने गैर-हिन्दू कर्मचारियों के संबंध में उचित निर्णय लेने के लिए आंध्रप्रदेश सरकार को पत्र लिखने का भी फैसला किया। रेड्डी ने यहां एक कार्यक्रम से इतर कहा कि मैं टीटीडी बोर्ड के फैसले का स्वागत करता हूं। सुधार लाने के अपने पहले प्रयास में बोर्ड ने फैसला किया है कि भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के पास काम करने वाले लोग केवल हिन्दू होने चाहिए, गैर-हिन्दू वहां नहीं होने चाहिए। मंत्री से बोर्ड के निर्णय के बारे में पूछा गया था। उन्होंने कहा कि गैर-हिन्दू कर्मचारियों का अन्य स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा।
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मंत्री ने 'लड्डू' बनाने के लिए बेहतर गुणवत्ता वाला घी खरीदने के टीटीडी के फैसले का भी स्वागत किया और कहा कि पूर्ववर्ती मंदिर समिति द्वारा की गई गलतियों को सुधारा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में तिरुमला तिरुपति देवस्थानम भारत का एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र बन जाएगा। इसे वेटिकन सिटी की तरह विकसित किया जा रहा है।
गैर-हिन्दू कर्मचारियों को हटाने की तैयारी : तिरुपति मंदिर से गैर हिन्दुओं को हटाने की तैयारी है। ट्रस्ट ने चेता दिया है कि या तो घर बैठ जाओ या रिटायर हो जाओ। यह नहीं कर सकते तो तबादला ले लो। कल सोमवार को कागज पर मुहर लग गई है जिसके तहत अब सिर्फ हिन्दू कर्मचारी ही तिरुपति मंदिर में काम कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने प्रसादम पर सवाल उठाया, तब से यह मामला ज्यादा तूल पकड़ गया है। कहा जा रहा है कि मंदिर की सुरक्षा और पवित्रता के मद्देनजर बदलाव जरूरी है। मंदिर में काम करना दूसरी नौकरियों की तरह नहीं है। जिसके मन में आस्था होगी, वही सही काम करेगा। दूसरे धर्म-समुदाय के लोग इसे नहीं समझेंगे। 2023 में इससे जुड़ा मामला कोर्ट भी पहुंचा था। वहां से फैसला नहीं हुआ है। ट्रस्ट ने प्रस्ताव पास कर दिया है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta