दोहरे हत्याकांड केस में पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह दोषी करार, SC ने पलटा हाईकोर्ट का फैसला
Former MP Prabhunath Singh convicted : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को बिहार के पूर्व लोकसभा सदस्य प्रभुनाथ सिंह को 1995 के दोहरे हत्याकांड के मामले में दोषी ठहराया और इसी के साथ उसने सुनवाई अदालत एवं पटना उच्च न्यायालय के आदेश को पलट दिया। सुनवाई अदालत एवं पटना उच्च न्यायालय ने सिंह को इस मामले में बरी कर दिया था।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह एक ऐसे मामले से निपट रहा है जो हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली का बेहद दर्दनाक प्रकरण है। सर्वोच्च न्यायालय देश की सर्वोच्च अपीलीय अदालत है और उसका किसी आरेापी को दोषी ठहराना दुर्लभ मामला है। आमतौर पर उच्चतम न्यायालय किसी मामले में अपील पर व्यक्ति की सजा को बरकरार रखता है या उसे रद्द कर देता है।
उच्चतम न्यायालय ने बिहार के महाराजगंज क्षेत्र से कई बार सांसद रह चुके सिंह को दोषी करार देते हुए कहा कि इसमें जरा भी संदेह नहीं है कि सिंह ने अपने खिलाफ सबूतों को मिटाने के लिए हरसंभव प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उसने कहा कि अभियोजन मशीनरी के साथ ही सुनवाई अदालत के पीठासीन अधिकारी को भी उनकी निरंकुशता के एक औजार के रूप में इस्तेमाल किया गया था। यह मामला सारण जिले के छपरा में मार्च 1995 में विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान के दिन दो लोगों की हत्या से जुड़ा है।
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि आपराधिक मुकदमे में तीन मुख्य हितधारक- जांच अधिकारी, लोक अभियोजक और न्यायपालिका होते हैं तथा वे अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में पूरी तरह से विफल रहे हैं। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने सिंह को दरोगा राय और राजेंद्र राय की हत्या और एक महिला की हत्या के प्रयास के आरोप में दोषी ठहराया। इस पीठ में न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ भी शामिल थे।
पीठ ने कहा कि 25 मार्च, 1995 को राजेंद्र राय के बयान के आधार पर छपरा में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पीठ ने आरोपी-प्रतिवादी संख्या दो (सिंह) को दरोगा राय और राजेंद्र राय की हत्या और एक महिला की हत्या के प्रयास के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 307 के तहत दोषी ठहराया।
पीठ ने बिहार के गृह विभाग के सचिव और राज्य के पुलिस महानिदेशक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सिंह को तुरंत हिरासत में लिया जाए और सजा के संबंध में सुनवाई के लिए सर्वोच्च अदालत के समक्ष पेश किया जाए। पीठ ने मामले में अगली सुनवाई के लिए एक सितंबर की तारीख तय की है।
पीठ ने उस तारीख को प्रभुनाथ सिंह को अदालत के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया। सिंह जनता दल विधायक अशोक सिंह की उनके आवास पर 1995 में हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अभी हजारीबाग जेल में बंद हैं।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)