राजकोषीय घाटा जनवरी में पूरे वर्ष के संशोधित अनुमान से ऊपर निकला
नई दिल्ली। देश का राजकोषीय घाटा जनवरी माह में ही पूरे वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान से ऊपर निकल गया। खर्च ज्यादा होने से जनवरी में राजकोषीय घाटा 6.77 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया। यह पूरे साल के संशोधित अनुमान का 113.7 प्रतिशत पर पहुंच गया।
राजकोषीय घाटा सरकार के राजस्व-व्यय के बीच का अंतर होता है जिसे पूरा करने के लिए वह बाजार से उधार जुटाती है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जनवरी के दस महीनों की अवधि में यह वार्षिक अनुमान का 113.7 प्रतिशत हो गया जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 105.7 प्रतिशत पर था।
चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है। यह आंकड़ा नए 2018-19 के बजट में संशोधित कर 5.33 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 5.95 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया।
महालेखानियंत्रक के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से जनवरी 2017-18 के दौरान राजस्व घाटा 4.80 लाख करोड़ रुपए रहा जो कि संशोधित अनुमान का 109.2 प्रतिशत है। सरकार की इन दस महीनों के दौरान शुद्ध कर प्राप्ति 9.7 लाख करोड़ रुपए रही। राजस्व और गैर-ऋण पूंजी से कुल प्राप्ति इस दौरान 11.63 लाख करोड़ रुपए रही जो कि संशोधित बजट अनुमान का 71.7 प्रतिशत रही। (भाषा)