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Last Modified: शुक्रवार, 6 दिसंबर 2024 (10:33 IST)

शंभू बॉर्डर से पैदल ही दिल्ली मार्च करेंगे किसान, पुलिस अलर्ट, बॉर्डर सील

sarvan singh pandher
farmers protest : किसान नेता सरवन सिंह पंधेर आज शंभू बॉर्डर से पैदल ही दिल्ली की ओर मार्च करेंगे। किसानों के मार्च से पहले पुलिस ने सीमाएं सील कर दी है। दिल्ली पुलिस पुरी तरह अलर्ट नजर आ रही है। सिंघू बॉर्डर पर फिलहाल कम संख्या में बलों को तैनात किया गया है, लेकिन पंजाब-हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर पर स्थिति के अनुसार इसे बढ़ाया जा सकता है। किसान मार्च की वजह से सीमा पर और दिल्ली के मध्य भाग में सुरक्षा व्यवस्थाओं के कारण यातायात प्रभावित होने की संभावना है।
 
किसानों ने इससे पहले 13 फरवरी और 21 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करने का प्रयास किया था, लेकिन उन्हें सुरक्षा बलों ने पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर शंभू और खनौरी में रोक दिया था।
 
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान तब से शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं। यहां सुरक्षा सख्‍त कर दी गई है। पुलिस नोएडा सीमा पर भी नजर रख रही है, जहां उत्तर प्रदेश के किसानों का एक अन्य समूह धरना दे रहा है।
 
अंबाला जिला प्रशासन ने बुधवार को किसानों से मार्च पर पुनर्विचार करने और दिल्ली पुलिस से अनुमति लेने के बाद ही कोई कार्रवाई करने का आग्रह किया था लेकिन दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसे पंजाब के किसानों से दिल्ली मार्च करने का कोई अनुरोध नहीं मिला है। अंबाला जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है। इस धारा के तहत जिले में पांच या अधिक व्यक्तियों की किसी भी गैरकानूनी सभा पर रोक है।
 
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने सोमवार को कहा था कि किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अंबाला के पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और उन्हें छह दिसंबर को दिल्ली तक पैदल मार्च करने के बारे में जानकारी दी। पंधेर ने कहा था कि प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस को आश्वासन दिया है कि मार्च शांतिपूर्ण रहेगा और मार्ग पर यातायात अवरुद्ध नहीं किया जाएगा।
 
किसान एमएसपी के अलावा कर्ज माफी, किसानों एवं खेत मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने की मांग कर रहे हैं। वे 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं।
edited by : Nrapendra Gupta
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