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Last Modified: रविवार, 11 मार्च 2018 (22:23 IST)

30 हजार किसानों का 'लाल जत्था' मुंबई पहुंचा, करेगा विधानसभा का घेराव

30 हजार किसानों का 'लाल जत्था' मुंबई पहुंचा, करेगा विधानसभा का घेराव - Farmer Kisan Movement Mumbai Shivsena
मुंबई। कर्जमाफी की मांग को लेकर महाराष्ट्र के नासिक से निकला 30 हजार अन्नदाताओं (किसान) का लाल जत्था रविवार को मुंबई पहुंच गया। 30 हजार किसान सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन करने जा रहे हैं। मुंबई जब किसानों की रैली निकली तो उसे शिवसेना ने भी अपना समर्थन दे दिया।


शिवसेना यूथ विंग के नेता आदित्य ठाकरे ने यहां किसानों से मुलाकात की और फिर वे भी किसानों की इस रैली में शामिल हो गए। शिवसेना के अलावा कांग्रेस ने भी इस रैली का समर्थन किया है। 5 मार्च को सेंट्रल नासिक के सीबीएस चौके से अपनी 30 हजार किसानों ने अपने आंदोलन को नया रूप देकर रैली शुरू की थी।

प्रतिदिन किसानों का यह जत्था 30 किलोमीटर की पदयात्रा करने के बाद रविवार को मुंबई पहुंचा। मुंबई पहुंचने के साथ ही हजारों किसानों की रैली से मुंबई का ट्रैफिक बुरी तरह से चरमरा गया। महाराष्ट्र में ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) के बैनर तले हजारों किसान लंबे समय से कर्जमाफी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और अब तक यह आंदोलन शांतिपूर्वक ही रहा है।

एआईकेएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक धावले, स्थानीय विधायक जेपी गवित और अन्य नेता इस मार्च की अगुआई कर रहे हैं। नासिक से रवाना होने के बाद किसानों का के इस जत्थे का जगह-जगह स्वागत किया गया। जत्थे में आत्महत्या कर चुके किसानों के परिजन भी भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। एआईकेएस के महासचिव अजीत नवाले के अनुसार 180 किलोमीटर की इस लंबी पदयात्रा की शुरुआत लगभग 12 हजार किसानों के साथ हुई थी और अब यह संख्या 30 हजार तक पहुंच चुकी है।  महराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुंगंतीवार ने कहा कि सरकार किसानों के मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है और किसानों के कर्ज भी माफ किए जा रहे हैं।

इस लाल रंग के जत्थे से बातचीत करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने मंत्री गिरीश महाजन को सरकार के प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया है।

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में कर्ज की वजह 1753 किसान मौत को गले लगा चुके हैं। किसानों ने कर्ज माफी और बिजली बिल माफी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की भी मांग की है। एआईकेएस सचिव राजू देसले ने कहा कि हम लोग राज्य सरकार से चाहते हैं कि वह सुपर हाइवे और बुलेट ट्रेन जैसे प्रोजेक्ट के नाम पर खेती की जमीन जबरन लेना बंद करे।

उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार की ओर से 34,000 करोड़ रुपए की सशर्त कर्ज माफी की घोषणा के बाद से अब तक 1,753 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। देसले ने उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर'किसान विरोधी नीति अपनाने का आरोप लगाया।  
 
महाराष्ट्र सरकार किसानों की समस्याओं के हल में नाकाम : उधर नासिक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान में असफल रही है और उसे सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है।
 
पवार ने  यहां 'हल्ला बोल' रैली के समापन अवसर कहा कि कृषि राष्ट्र की रीढ़ है और करीब 60 प्रतिशत आबादी खेती पर निर्भर है। किसान देश के लोगों का पेट भरते हैं, उन्हें कर्ज माफी के लिए लाइन में लगने के लिए मजबूर किया जा रहा है। 
 
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों का कर्ज माफ नहीं कर रही है और कर्ज अदायगी के लिए कृषकों की वस्तुओं को ले लिया जा रहा है। इससे समाज में उनकी प्रतिष्ठा खराब हो रही है। पवार ने कहा कि सरकार किसानों को उनकी उपज का कम मूल्य दे रही है जिससे परेशान किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं।  (एजेंसियां)
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