गुरुवार, 10 जुलाई 2025
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Economic offender Monica Kapoor in CBI custody
Last Updated :नई दिल्ली , बुधवार, 9 जुलाई 2025 (11:59 IST)

मोनिका कपूर को सीबीआई ने अमेरिका से किया गिरफ्तार, आर्थिक अपराध के बाद 27 साल से थी फरार

Monica Kapoor
Monica Kapoor in CBI custody : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) अधिकारियों ने कथित आर्थिक अपराधी मोनिका कपूर (Monica Kapoor) को अमेरिका से प्रत्यर्पित किए जाने के बाद हिरासत में लिया तथा भारत के लिए रवाना हो गए। बुधवार को यह जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि कपूर करीब 25 साल से अधिक समय से फरार थी।
 
अधिकारियों ने बताया कि कपूर के खिलाफ 'इंटरपोल रेड नोटिस' जारी किया गया था। सीबीआई की एक टीम ने उसे अमेरिका में हिरासत में लिया और उसे लेकर अमेरिकन एयरलाइंस की उड़ान संख्या एए 292 में सवार हो गए जिसके बुधवार रात को यहां पहुंचने की उम्मीद है। अमेरिकी अधिकारियों के साथ निरंतर सहयोग के माध्यम से अमेरिका में नेहल मोदी की गिरफ्तारी के बाद हाल के दिनों में एजेंसी के लिए यह दूसरी बड़ी सफलता है।
 
प्रत्यर्पण न्याय की दिशा में एक बड़ी सफलता : सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि यह प्रत्यर्पण न्याय की दिशा में एक बड़ी सफलता है और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की परवाह किए बिना भगोड़ों को भारत में कानून के कठघरे में लाने की सीबीआई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सीबीआई की टीम भगोड़े को लेकर भारत लौट रही है। मोनिका को संबंधित अदालत में पेश किया जाएगा और अब उस पर मुकदमा चलेगा।
सीबीआई ने हाल के वर्षों में पारस्परिक कानूनी सहायता या इंटरपोल समन्वय के माध्यम से 100 से अधिक भगोड़ों की वापसी सुनिश्चित की है, जो सीमा पार प्रवर्तन में एक तरह का कीर्तिमान स्थापित करता है। सीबीआई प्रवक्ता ने यहां बताया कि 'मोनिका ओवरसीज' की मालकिन कपूर ने अपने भाइयों राजन खन्ना और राजीव खन्ना के साथ मिलकर 1998 में कथित तौर पर निर्यात दस्तावेजों - शिपिंग बिल, इनवॉइस और निर्यात व प्राप्ति के बैंक प्रमाणपत्रों में जालसाजी की।
 
एजेंसी ने बताया कि उसने अपने 2 भाइयों के साथ मिलकर आभूषण निर्माण और निर्यात के संबंध में शुल्क-मुक्त सामग्री के आयात के वास्ते छह पुन:पूर्ति लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कथित तौर पर जाली दस्तावेज बनाए। उन्होंने बताया कि इसके बाद उसने ये लाइसेंस दीप एक्सपोर्ट्स, अहमदाबाद को प्रीमियम पर बेच दिए।
 
प्रवक्ता ने बताया कि दीप एक्सपोर्ट्स, अहमदाबाद ने उक्त लाइसेंसों का इस्तेमाल किया और शुल्क-मुक्त सोना आयात किया जिससे सरकारी खजाने को 1.44 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में 31 मार्च, 2004 को मोनिका और उसके भाइयों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किए गए थे। मुख्य महानगर दंडाधिकारी जिला न्यायालय साकेत, नई दिल्ली ने 2017 में राजन खन्ना और राजीव खन्ना को मामले में दोषी ठहराया।
 
मोनिका जांच और मुकदमे में शामिल नहीं हुई : मोनिका कपूर जांच और मुकदमे में शामिल नहीं हुई और 13 फरवरी, 2006 को अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया। भारत में कथित तौर पर धोखाधड़ी करने के बाद वह 1999 में अमेरिका चली गई और वीजा की अवधि से अधिक समय तक वहां रही। दिल्ली की एक विशेष अदालत ने 2010 में कपूर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। भारत ने उसी साल अक्टूबर में उसके प्रत्यर्पण की मांग की थी।
 
'यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट फॉर द ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ न्यूयॉर्क' ने 2012 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत कपूर के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी। अमेरिकी अदालतों के दस्तावेजों के अनुसार उसने विदेश मंत्री से अपील की थी कि अगर उसे प्रत्यर्पित किया गया तो उसे प्रताड़ित किया जाएगा और उसने अमेरिका में विभिन्न आधारों पर कई कानूनी विकल्पों का भी सहारा लिया था। 'पीटीआई-भाषा' ने इन अदालती दस्तावेजों को देखा है।
 
विदेश मंत्री ने मोनिका कपूर के दावे को खारिज कर दिया जिसके बाद उसके खिलाफ आत्मसमर्पण वारंट जारी किया गया था। अमेरिकी अदालतों और प्रशासनिक मंचों पर तमाम चुनौतियों सहित कई वर्षों की कानूनी कार्रवाई के बाद 'यूनाइटेड स्टेट्स कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द सेकंड सर्किट' ने आखिरकार मार्च 2025 में प्रत्यर्पण के आदेश को बरकरार रखा।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
ये भी पढ़ें
महागठबंधन का बिहार बंद, राहुल और तेजस्वी का EC दफ्तर तक मार्च