शोभना जैन
नई दिल्ली। दिल्ली का मशहूर सिरी फोर्ट ऑडीटोरियम। 'ओबामा, ओबामा' के समवेत स्वरों की गूंज और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच अपने भाषण शैली के लिए मशहूर अमेंरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भाषण देकर मंच से नीचे उतर रहे हैं और अपनी पत्नी मिशेल के साथ आगे की पंक्ति मेंं खड़े लोगों का अभिवादन स्वीकार करने के लिए उनकी तरफ बढ़ रहे हैं और पृषठ्भूमि मेंं बज रहा है हिंदी फिल्म 'लगान' का गीत...
जो है तुम्हरे मन में, वो ही हमरे मन में
जो सपना है तुम्हरा, सपना वो ही हमरा है
मितवा, सुन मितवा, तुझको क्या डर है रे
यह धरती अपनी है, अपना अंबर है...
फिल्मी गीत माहौल को शब्द दे रहा है। भाषण सुनने आए श्रोताओं में दीवानगी-सी है, जो ज्यादातर युवा हैं। दीवानगी है राष्ट्रपति ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल से हाथ मिलाने की और उनके साथ सेल्फी लेने की...वहां मौजूद लोगों में होड़ लगी है। हर कोई बेताब है, उनका हाथ छूने को। सुरक्षाकर्मियो को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है, लेकिन ओबामा दम्पत्ति लोगों के जोश का जबाव देते हुए उसी गर्मजोशी से मुस्कराहट के साथ 'बेताब प्रशंसकों' के साथ हाथ मिलाना जारी रखे हुए हैं।
भारत यात्रा के आखिरी दिन आज राष्ट्रपति ओबामा ने 'भारत- अमरीका, एक साझा भविष्य' (इंडिया एंड अमेंरिका : द फ्यूचर वी कैन विल्ड टूगेदर) विषय पर दिए गए भाषण के दौरान ये दृश्य देखने को मिले। भाषण के दौरान लगातार रुक- रुककर हॉल में तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही।
ओबामा ने अपना भाषण 'नमस्ते' के अभिवादन से शुरु किया और समापन 'जयहिंद' से किया। ओबामा ने हिन्दी फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' का प्रसिद्ध संवाद 'सेनोरिटा, बड़े-बड़े देशों में' भी बोला और वहां मौजूद लोगों को मोहित कर दिया।
ओबामा ने जैसे ही कहा, 'सेनोरिटा, बड़े-बड़े देशों में....आप मेरे कहने का मतलब जानते हैं', सभागार तालियों की गड़गड़ाहट के साथ 'ओबामा, ओबामा' की आवाजो से एक बार फिर गूंज उठा। सभागर में मौजूद एक छात्र यह मंजर देखकर कहता है 'अमेरिका के मेडीसन स्क्वेयर में हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वागत के दृश्य याद आ रहे है'।
अपने इस भाषण में उन्होंने रंगभेद के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले अश्वेत नेता मार्टिन लूथर किंग के साथ महात्मा गांधी को याद किया। ओबामा ने 100 वर्ष पूर्व स्वामी विवेकानंद के शिकागो में दिए गए प्रसिद्ध भाषण को भी याद किया, जब उन्होंने वहां की जनता को 'अमेरिका की बहनों एवं भाइयों' कहकर संबोधित किया था।
ओबामा ने आज यहा कहा कि वह भी उसी तरह यहां के लोगों को संबोधित करने जा रहे हैं। इसके बाद जैसे ही उन्होंने ऑडिटोरियम में मौजूद भीड़ को 'भारत की बहनों एवं भाइयों' कहकर संबोधित किया, ऑडिटोरियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। भाषण के बीच में भी उन्होंने भारत की बहनों एवं भाइयों संबोधन का जिक्र किया। उन्होंने इस पर गर्व जताया कि यह प्रसिद्ध भाषण विवेकानंद ने उनके अपने शहर शिकागो में दिया था।
कार्यक्रम में बड़ी तादाद में मौजूद युवाओं और महिलाओं से सीधे तौर पर जुड़ते हुए उन्होंने उनके योगदान की भूरि-भूरि प्रशंसा की तथा कहा कि राष्ट्र के विकास में उनकी भूमिका अहम है। युवा भारतीय न सिर्फ देश की तरक्की की इबारत लिखेंगे, बल्कि दुनिया की तकदीर भी तय करेंगे।
संबोधन के दौरान ओबामा ने भारत-अमेरिका के मजबूत संबंधों पर जोर देते हुए इसे '21वीं सदी की निर्णायक साझेदारी' करार दिया। ओबामा ने कहा कि वह दोनों देशों के भविष्य को लेकर आशान्वित हैं और भारत का साझीदार होने पर उन्हें गर्व है।
उन्होंने कहा, 'मुझे आपका मित्र बनकर गर्व है। अमेरिका, भारत का सिर्फ 'स्वाभाविक साझीदार' नहीं, बल्कि 'सर्वश्रेष्ठ साझीदार' बनना चाहता है।' हमें गर्व है कि अमेरिका में सबसे ज्यादा 30 लाख प्रवासी भारतीय हैं। वे अमेरिका को मजबूत बनाते हैं और दोनों देशों को करीब लाते हैं।
उन्होंने गरीबी खत्म करने की दिशा में भारत के प्रयासों को उन्होंने सराहा और कहा कि उसने दुनिया के सभी देशों के मुकाबले सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। यह काम जारी रहना चाहिए। भारत को मिल्खा सिंह, मैरी कॉम, शाहरुख खान और कैलाश सत्यार्थी पर गर्व है। भारत में टैलेंट की कमी नहीं है। फिर से तालियों की गड़गड़ाहट...
आम आदमी के सपनो और सपनों को पूरा करने के संघर्ष की चर्चा कर सीधे वहां मौजूद लोगों से जुड़ते हुए वे कहते है कि मेरे दादा केन्या में ब्रिटिश आर्मी में कुक थे। जब मेरा जन्म हुआ, मेरे जैसे कई लोग दुनिया के कई हिस्सों में वोट नहीं कर सकते थे। अब हम ऐसे देशों में रहते हैं, जहां कुक का पोता राष्ट्रपति बन सकता है और चाय बेचने वाले का बेटा प्रधानमंत्री।
करीब 2,000 युवाओं, छात्रों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के सदस्यों तथा कूटनीतिज्ञों की भीड़ को संबोधित करते हुए ओबामा ने गणतंत्र दिवस परेड में अमेरिकी 'रॉयल एनफील्ड' मोटरसाइकिलों के करतब की प्रशंसा की और मौजूद लोगों के ठहाकों के बीच इच्छा जताई कि काश वह भी इसकी सवारी कर पाते और मुस्कराते हुए कहा उनके सुरक्षाकर्मी इसकी अनुमति नही देंगे।
ओबामा ने अपने संबोधन में धार्मिक स्वतंत्रता, मानवाधिकार, महिला सशक्तीकरण तथा घरों को बनाने में महिलाओं की भूमिका का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, हम सभी को एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए काम करना चाहिए, जहां सभी के लिए अवसर हों, सभी काम कर सकें, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं।
उन्होंने अपनी पत्नी मिशेल का जिक्र करते हुए कहा, 'मेरी शादी एक बहुत ही मजबूत और प्रतिभावान महिला से हुई है। मिशेल मेरे सामने अपनी बात रखने से कभी नहीं डरतीं।' उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें दो बेटियों का पिता होने पर गर्व है।
उन्होंने कहा बेटियों और बहनों को समान अधिकार और मौके देने होंगे। हमें ही इसके लिए आगे आना होगा, वे इसकी हकदार हैं। हम अपनी बेटियों को मजबूत और सशक्त बनाएंगे। अगर महिलाएं सफल हैं, देश तभी कामयाब है। साथ ही उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया कि महिलाएं सड़कों पर सुरक्षित निकल सकें।
उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस परेड पर भारत की महिला सैन्य अधिकारियों की टुकड़ी देखकर उन्हें बहुत खुशी हुई। उन्होंने खास तौर पर विंग कमांडर पूजा ठाकुर का जिक्र किया, जिन्होंने 25 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में उनके सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर की टुकड़ी का नेतृत्व किया था।
उन्होंने कहा पिछली भारत यात्रा के दौरान मैंने दीवाली मुंबई में मनाई थी और वहां बच्चों के साथ डांस किया था। अफसोस इस बार मैं बच्चों के साथ डांस नहीं कर सका। यहां तक कि उन्हें पत्नी मिशेल के साथ नृत्य करने की अनुमति भी खुफिया सेवा ने नहीं दी है।
ओबामा ने अपने संबोधन में न्युक्लीयर डील, भारत और अमेरिका के साथ मिलकर जलवायु परिवर्तन, रक्षा सहयोग, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा साझेदारी की आवश्यकता, कारोबारी रिश्ते आदि मुद्दों का भी जिक्र किया। साथ ही उन्होंने इसका भी उल्लेख किया कि अमेरिका किस प्रकार भारत के विकास में साझीदार हो सकता है।
ओबामा ने अपने वर्ष 2010 के भारत दौरे को भी याद किया, जब वह हुमायूं के मकबरे पर गए थे और वहां काम करने वाले कुछ श्रमिकों के परिवारों से मिले थे। उनमें से एक का बेटा विशाल अब 16 साल का हो चुका है। ओबामा ने उसका जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें यह जानकार खुशी हुई कि विशाल पढ़ाई कर रहा है और सुरक्षा बलों से जुड़ना चाहता है। यह यहां छिपी प्रतिभा का एक उदाहरण है।
अमेरिका के राष्ट्रपति के विशेष आमंत्रण पर विशाल और उसका परिवार ऑडिटोरियम में मौजूद था। सभागर में विशाल तथा उसकी बहन मिशेल के साथ ही बैठी थी। वे कहते है 'दुनिया के हर बच्चे का साफ पानी पीने और साफ हवा में साँस लेने का अधिकार है।
अपने संबोधन से पहले ओबामा तथा उनकी पत्नी ने ऑडिटोरियम में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी तथा कुछ अन्य एनजीओ के सदस्यों से मुलाकात की। सत्यार्थी जब अपने एनजीओ 'बचपन बचाओ आंदोलन' के बच्चों के साथ सभागार में पहुंचे और उनका भी जोरदार स्वागत हुआ।
ओबामा ने कहा कि वह दोनों देशों के भविष्य को लेकर आशान्वित हैं। भारत का साझीदार होने पर उन्हें गर्व है। उन्होंने कहा, 'मुझे आपका मित्र बनकर गर्व है। अमेरिका, भारत का सिर्फ 'स्वाभाविक साझीदार' नहीं, बल्कि 'सर्वश्रेष्ठ साझीदार' बनना चाहता है।
ओबामा ने भाषण खत्म करने से पहले हाथ जोड़कर नमस्कार किया। जाने से पहले मिलते हाथों के बीच अचानक वह मुड़ते हैं और वहां खड़े एक सिख सुरक्षाकर्मी की तरफ बढते हैं। उससे हाथ मिलाते हैं। ओबामा दम्पत्ति लहराते हाथों के बीच सभागार से विदा हो रहे हैं। सभागार से निकलते वक़्त पत्रकार साथियों के साथ ओबामा की यात्रा की सफलता, न्युक्लीयर डील के पहलुओं पर चर्चा हो रही है और हॉल में फिल्मी गाना अभी बज ही रहा है...
सुन लो रे मितवा
जो है तुम्हरे मन में, वो ही हमरे मन में
जो सपना है तुम्हरा, सपना वो ही हमरा है...
(वीएनआई)