Coronavirus की वजह से बढ़ी पुरानी कारों की मांग...
नई दिल्ली। पुरानी या सेकंड हैंड यात्री कारों के बाजार में तेजी से सुधार हो रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अप्रैल-जुलाई की अवधि में पुरानी कारों के बाजार ने वृद्धि दर्ज की है। वहीं इस महीने ऐसे वाहनों की मांग फरवरी की तुलना में 25 प्रतिशत बढ़ी है।
पुराने सामानों की बिक्री के उपभोक्ता-से-उपभोक्ता मार्केटप्लेस ओएलएक्स के अनुसार जुलाई में पुरानी कारों में सबसे अधिक मांग सेडान की रही है। उसके बाद एसयूवी और हैचबैक का नंबर आता है।
ओएलएक्स के ‘ऑटो नोट’ के चौथे संस्करण में कहा गया है कि जहां तक उपभोक्ता धारणा की बात है। इस सर्वेक्षण में 55 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे अगले छह माह में अपने निजी वाहन के इस्तेमाल की योजना बना रहे हैं। इस मांग में गैर-महानगरों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सेकंड हैंड वाहनों की मांग बढ़ने की एकमात्र वजह साफ-सफाई को लेकर चिंता ही नहीं है, बल्कि अब लोगों का निजी वाहन खरीदने का बजट भी कम हो गया है। उद्योग के आंकड़ों के अनुसार मात्रा के हिसाब से पुरानी कारों का बाजार नई कारों की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है।
रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि अब साफ-सफाई की चिंता की वजह से कैब सेवाओं सहित सार्वजनिक परिवहन को लेकर प्राथमिकता घटी है। सर्वेक्षण में शामिल 55 प्रतिशत लोगों का कहना था कि वे भविष्य में अपनी निजी कार से सफर करना चाहेंगे। कोविड-19 से पहले ऐसा कहने वालों की संख्या 48 प्रतिशत थी।
ओएलएक्स ने कहा कि वाहन बाजार अब सुधार की राह पर है। सर्वेक्षण में शामिल 56 प्रतिशत लोगों ने अगले तीन से छह माह में कार खरीदने की बात कही।
सर्वेक्षण के अनुसार, अब लोगों की प्राथमिकता में बदलाव आया है। वे प्रवेश स्तर के मॉडल खरीदना चाहते हैं। 72 प्रतिशत लोगों ने कोविड-19 की वजह से अपने कार खरीदने के बजट में कटौती की है। नई कार के लिए 39 प्रतिशत लोगों का बजट तीन लाख रुपए से कम है। वहीं 24 प्रतिशत का बजट चार से सात लाख रुपए है।
पुरानी कारों के लिए 50 प्रतिशत लोगों का बजट तीन लाख रुपए से कम है। वहीं 20 प्रतिशत का बजट चार से सात लाख रुपए है। ओएलएक्स और ओएलएक्स कैशमाईकार ने यह सर्वेक्षण अप्रैल-जून के दौरान किया। इसमें 3,800 लोगों के विचार लिए गए।(भाषा)