भीषण गर्मी में बढ़ी बिजली की मांग, रिकॉर्ड 236.59 गीगावॉट पर पहुंची
Demand for electricity increased in the country due to extreme heat : देश के विभिन्न हिस्सों में पड़ रही भीषण गर्मी की वजह से बिजली की अधिकतम मांग गुरुवार को 236.59 गीगावॉट पर पहुंच गई, जो इस मौसम में सबसे अधिक है। गर्मी से राहत के लिए घरों एवं दफ्तरों में एयर कंडीशनर और कूलर का इस्तेमाल बढ़ने से बिजली की खपत बढ़ रही है।
बिजली मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक बिजली की अधिकतम मांग या दिन में सबसे अधिक आपूर्ति गुरुवार को 236.59 गीगावॉट दर्ज की गई, जो इस साल गर्मी के मौसम में सबसे अधिक है। इससे पहले बुधवार यानी 22 मई को बिजली की अधिकतम मांग इस सत्र में 235.06 गीगावॉट के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।
अब तक का सर्वाधिक बिजली खपत रिकॉर्ड सितंबर, 2023 में 243.27 गीगावॉट का है। लेकिन इस साल पड़ रही भीषण गर्मी को देखते हुए यह रिकॉर्ड टूटने की संभावना है। बिजली मंत्रालय ने इस साल गर्मी में बिजली की अधिकतम मांग 260 गीगावॉट तक पहुंचने का अनुमान जताया है।
इस महीने की शुरुआत में बिजली मंत्रालय ने मई के लिए दिन के समय 235 गीगावॉट और शाम के समय 225 गीगावॉट की बिजली मांग रहने का अनुमान जताया था, वहीं जून के महीने में बिजली की खपत दिन में 240 गीगावॉट और शाम के समय 235 गीगावॉट रहने का अनुमान है।
आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल, 2024 में गर्मी का मौसम शुरू होने के बीच अधिकतम बिजली की मांग 224.18 गीगावॉट थी, वहीं मार्च में यह 221.82 गीगावॉट, फरवरी में 222.16 गीगावॉट और जनवरी में 223.51 गीगावॉट रही थी। मई के दौरान अधिकतम आपूर्ति 6 मई को 233 गीगावॉट और 21 मई को 233.80 गीगावॉट तक पहुंच गई। पिछले साल मई में यह 221.42 गीगावॉट दर्ज की गई थी।
पिछले सप्ताह 18 मई को बिजली की अधिकतम आपूर्ति 229.57 गीगावॉट तक पहुंच गई जबकि 15, 16 और 17 मई को यह लगभग 226 गीगावॉट थी। 4 मई को अधिकतम आपूर्ति 229.77 गीगावॉट और 20 मई को 228.71 गीगावॉट थी। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि बिजली की मांग सितंबर 2023 में दर्ज 243.27 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्च स्तर को पार करने की दिशा में जा सकती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का अनुमान है कि भारत में इस साल अधिक गर्मी और अधिक लू वाले दिन देखने को मिलेंगे। इसके लिए जिम्मेदार अल नीनो की स्थिति मई तक जारी रहने का अनुमान जताया गया है।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour