गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Delhi overall air quality continues to be in severe category
Written By
Last Updated : शनिवार, 6 नवंबर 2021 (07:52 IST)

पटाखे- पराली से दिल्ली में धुंध खतरनाक स्तर पर, सांस लेना भी हुआ मुश्किल, AQI 550 पार

पटाखे- पराली से दिल्ली में धुंध खतरनाक स्तर पर, सांस लेना भी हुआ मुश्किल, AQI 550 पार - Delhi overall air quality continues to be in severe category
नई दिल्ली। दिल्ली में लगातार दूसरे दिन भी धुंध का कहर दिखाई दिया। शनिवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 533 पर पहुंच गया। जो पांच साल में दिवाली के अगले दिन का सर्वाधिक आंकड़ा है।
दिवाली के अगले दिन दिल्ली-एनसीआर में धुंध की मोटी परत छाने और हवा की गुणवत्ता खराब होने के कारण लोगों को गले में खराश और आंखों से पानी आने की दिक्कतों से जूझना पड़ा। पड़ोस के नोएडा में 24 घंटे का औसत एक्यूआई देश में सबसे ज्यादा 475 पर पहुंच गया। आज भी राजधानी में प्रदूषण से हाल बेहाल है।
 
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि राजधानी की वायु गुणवत्ता पराली जलाने की घटनाओं और प्रतिबंध के बावजूद दीपावली पर पटाखे जलाने के कारण खराब हुई है। उन्होंने भाजपा पर दीपोत्सव पर लोगों को पटाखे जलाने की सलाह देने का आरोप लगाया।

त्योहारों के मौसम से पहले दिल्ली सरकार ने एक जनवरी 2022 तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी और पटाखों की बिक्री तथा इस्तेमाल के खिलाफ सघन अभियान चलाया था।
 
सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि दिवाली की रात दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई और यहां तक ​​कि कनॉट प्लेस में हाल शुरू ‘स्मॉग टॉवर’ भी आसपास के निवासियों को सांस लेने योग्य हवा नहीं दे सका।
 
 
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (DPCC) के आंकड़ों से पता चलता है कि दिवाली की रात, द्वारका-सेक्टर 8, पंजाबी बाग, वजीरपुर, अशोक विहार, आनंद विहार और जहांगीरपुरी में पीएम10 का स्तर 800 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 1,100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के बीच था।
 
उल्लेखनीय है कि 0 से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 को ‘मध्यम’, 201 और 300 को ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।
 
ये भी पढ़ें
देहरादून की हवा सांस लेने लायक नहीं, हरिद्वार का भी हाल बेहाल