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Last Updated :नई दिल्ली , सोमवार, 6 मई 2024 (20:33 IST)

LG ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ की NIA जांच की सिफारिश, खालिस्तानी संगठन से पैसा लेने का आरोप

LG ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ की NIA जांच की सिफारिश, खालिस्तानी संगठन से पैसा लेने का आरोप - Delhi LG recommends NIA probe against Arvind Kejriwal over Khalistani political funding
Arvind Kejriwal News in hindi : दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' से कथित तौर पर धन प्राप्त करने के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal)  के खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश की है। राजनिवास के सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और वे तिहाड़ जेल में बंद हैं। 
 
क्या कहा एलजी ने : केंद्रीय गृह सचिव को लिखे पत्र में उपराज्यपाल सचिवालय ने कहा कि सक्सेना को शिकायत मिली थी कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप को कथित तौर पर देवेन्द्र पाल भुल्लर की रिहाई के लिए चरमपंथी खालिस्तानी समूहों से 1.6 करोड़ डॉलर की वित्तीय मदद मिली थी। सक्सेना ने कहा कि कायतकर्ता द्वारा दिए गए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के फॉरेंसिक परीक्षण सहित जांच की आवश्यकता है।" 
 
अमृतसर केंद्रीय कारागार में बंद भुल्लर को 1993 में दिल्ली में एक बम विस्फोट में नौ लोगों की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। उसे 25 अगस्त, 2001 को टाडा अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसकी मौत की सजा को कम किए जाने के बाद से वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
 
पत्र में कहा गया है कि शिकायत एक मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई है और एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन से प्राप्त राजनीतिक धन से संबंधित है। यह कदम सुप्रीम कोर्ट द्वारा मौजूदा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने पर विचार करने से एक दिन पहले आया है।

आप ने बताया साजिश : आम आदमी पार्टी (आप) ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि एनआईए जांच की सिफारिश भाजपा के इशारे पर केजरीवाल के खिलाफ "एक और साजिश" है।
 
मंगलवार को जमानत पर फैसला : सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को इस बात पर विचार करेगा कि मौजूदा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी जाए या नहीं। शीर्ष अदालत मंगलवार को आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई करेगी। केजरीवाल लोकसभा चुनाव के शेष चरणों के दौरान प्रचार कर पाएंगे या नहीं, यह कार्यवाही के नतीजे पर निर्भर करेगा।
 
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ पहले मामले के रूप में आम आदमी पार्टी नेता की याचिका पर सुनवाई करेगी।  शीर्ष अदालत ने तीन मई को कहा था कि वह मौजूदा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने पर विचार कर सकती है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा था कि गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई में समय लगने की संभावना है और इसलिए, अदालत उन्हें अंतरिम जमानत देने पर जांच एजेंसी का पक्ष सुनने पर विचार कर रही है। दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिये मतदान 25 मई को होना है।
 
पीठ ने राजू से कहा था, ‘‘ऐसा लगता है कि हम आज सुनवाई पूरी नहीं कर सकते। हम मंगलवार सुबह इसे देखेंगे। अगर इसमें समय लगता है, तो हम चुनाव की वजह से अंतरिम जमानत के सवाल पर विचार करेंगे।’’
राजू ने कहा था कि वह केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने का विरोध करेंगे। उन्होंने मामले में पिछले महीने आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को जमानत मिलने के बाद उनके द्वारा दिए गए बयानों की ओर इशारा किया। पीठ ने कहा कि वह एजेंसी को पीठ की मंशा से अवगत करा रही है, ताकि सात मई को जब अंतरिम जमानत का मुद्दा आए, तो वह चौंक नहीं जाए। इनपुट भाषा
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