शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Delhi High Court, Uniform Civil Code, delhi
Written By
Last Updated : शुक्रवार, 9 जुलाई 2021 (18:06 IST)

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- यह देश में ‘यूनिफार्म सिविल कोड’ लागू करने का सबसे सही समय

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- यह देश में ‘यूनिफार्म सिविल कोड’ लागू करने का सबसे सही समय - Delhi High Court, Uniform Civil Code, delhi
दिल्ली हाईकोर्ट ने देश में समान नागरिक संहिता  की जरूरत पर जोर दिया। तलाक के एक मामले में फैसला देते हुए कोर्ट ने कहा कि देश में यूनिफार्म सिविल कोड की जरूरत है। कोर्ट ने कहा कि देश धर्म, जाति, कम्युनिटी से ऊपर उठ चुका है।

जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने अपने फैसले में कहा कि आज का हिंदुस्तान धर्म, जाति, कम्युनिटी से ऊपर उठ चुका है। आधुनिक भारत में धर्म, जाति की बाधाएं तेजी से टूट रही हैं। तेजी से हो रहे इस बदलाव की वजह से अंतरधार्मिक और अंतर्जातीय विवाह या फिर विच्छेद यानी डाइवोर्स में दिक्कत भी आ रही है।

फैसले में कहा गया है कि आज की युवा पीढ़ी को इन दिक्कतों से जूझना न पड़े इस लिहाज से देश मे यूनिफार्म सिविल कोड लागू होना चाहिए। आर्टिकल 44 में यूनिफार्म सिविल कोड की जो उम्मीद जतायी गयी थी, अब उसे केवल उम्मीद नही रहना चाहिए बल्कि उसे हकीकत में बदल देना चाहिए।

एक तलाक के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने ये टिपणी की। दरअसल, कोर्ट के सामने ये सवाल खड़ा हो गया था कि तलाक को हिंदू मैरिज एक्ट के मुताबिक माना जाए या फिर मीणा जनजाति के नियम के मुताबिक।

पति हिंदू मैरिज एक्ट के मुताबिक तलाक चाहता था, जबकि पत्नी का कहना था कि वो मीणा जनजाति से आती है लिहाजा उस पर हिंदू मैरिज एक्ट लागू नहीं होता। इस वजह से उसके पति द्वारा दायर फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी खारिज की जाए।

पति ने हाईकोर्ट में पत्नी की इसी दलील के खिलाफ अर्जी दायर की थी। कोर्ट ने पति की अपील को स्वीकार करते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की जरूरत महसूस की। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा कि इस फैसले को कानून मंत्रालय के पास भेजा जाए ताकि कानून मंत्रालय इस पर विचार कर सके।
ये भी पढ़ें
अयोध्या में बड़ा हादसा, एक ही परिवार के 12 लोग सरयू नदी में डूबे