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Last Modified: गुरुवार, 6 फ़रवरी 2020 (20:04 IST)

डी कंपनी में नंबर 2 दाऊद का खास गुर्गा जाबीर अमेरिका को सौंपा जाएगा

डी कंपनी में नंबर 2 दाऊद का खास गुर्गा जाबीर अमेरिका को सौंपा जाएगा - Dawood Ibrahim's Aide Jabir
लंदन। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम कीअमेरिका डी कंपनी में ‘नंबर दो’ बताए जाने वाले पाकिस्तानी नागरिक जाबीर मोती को मादक पदार्थों की तस्करी और धनशोधन के आरोपों का सामना करने के लिए अमेरिका प्रत्यर्पित किया जाएगा। ब्रिटेन की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसके प्रत्यर्पण पर कोई रोक नहीं है।
 
लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के न्यायाधीश जॉन जैनी ने अपना फैसला दो हिस्सों में लिखा है। फैसले का एक हिस्सा सार्वजनिक किया जा सकता है, जबकि दूसरे हिस्से को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है, क्योंकि पिछले साल प्रत्यर्पण के मामले पर सुनवाई के दौरान अदालत को बंद कमरे में कुछ ‘संवेदनशील सबूत’ सौंपे गए थे।
 
न्यायाधीश ने कहा कि मैं आपकी सारी चुनौतियों को खारिज करता हूं। मैंने उन्हें सावधानी से पढ़ा था, लेकिन मैंने प्रत्यर्पण पर फैसला लेने के लिए मामले को विदेश मंत्री को भेजने का फैसला किया है। ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल को दो महीने के अंदर प्रत्यर्पण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अदालत के आदेश को मंजूरी देनी होगी। 
 
अमेरिका ने प्रत्यर्पण के अपने अनुरोध में कहा था कि मोती उर्फ मोतीवाला उर्फ जाबीर सिद्दीकी दाऊद को सीधे रिपोर्ट करता है, जो घोषित आतंकवादी है और मुंबई में 1993 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के लिए भारत में वांछित है।
 
इस बीच, मोती की कानूनी टीम ने संकेत दिया कि वे हाईकोर्ट में अपील के लिए इजाज़त मांग सकते हैं, जो पटेल के प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर के बाद होगा।
 
भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि के विपरीत, अमेरिका-ब्रिटेन की प्रत्यर्पण संधि में प्रत्यर्पण के लिए अपेक्षाकृत सरल कानूनी प्रक्रिया है। प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध करने वाले देश को ब्रिटिश अदालतों के समक्ष अभियुक्तों के खिलाफ पहली नज़र में मामला स्थापित करने की आवश्यकता नहीं है।
 
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि अमेरिका की ओर से दिए गए प्रत्यर्पण अनुरोध में कहा गया है कि 53 वर्षीय मोती ‘डी कंपनी’ नाम के अंतरराष्ट्रीय अपराध संगठन का अहम सदस्य है जो पाकिस्तान, भारत और यूएई में है। संग‍ठन अमेरिका में आपराधिक गतिविधियां करता है, जिनमें मादक पदार्थ तस्करी, धन शोधन और ब्लैकमेलिंग शामिल है।