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Last Updated : शनिवार, 4 सितम्बर 2021 (00:36 IST)

तरुण तेजपाल मामले में मनीष तिवारी और प्रियंका चतुर्वेदी के बीच टि्वटर पर विवाद

तरुण तेजपाल मामले में मनीष तिवारी और प्रियंका चतुर्वेदी के बीच टि्वटर पर विवाद - Controversy over Twitter between Manish Tewari and Priyanka Chaturvedi in Tarun Tejpal case
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी के बीच शुक्रवार को ट्विटर पर तब तीखी बहस हो गई, जब तिवारी ने कहा कि तहलका पत्रिका के संस्थापक एवं संपादक तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न के मामले में 'सम्मानजनक तरीके से बरी' कर दिया गया, जिसके बाद चतुर्वेदी ने उनकी टिप्पणी को 'शर्मनाक' करार दिया।

बहस की शुरुआत तब हुई जब तिवारी ने एक ट्वीट में तेजपाल की प्रशंसा की और कहा, कॉलेज में मेरे सीनियर रहे, जिनकी  छवि को धूमिल किया गया, राजनीतिक उत्पीड़न किया गया और जिन्हें अब सम्मानजनक तरीके से बरी कर दिया, उन प्रतिभावान और बुद्धिमान तरुण तेजपाल ने अपनी नई किताब ‘एनिमल फार्म’ की शुरुआती जानकारी लिख ली है। वापसी पर स्वागत दोस्त।

इस पर प्रियंका चतुर्वेदी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा, आज मुझे पता चला कि तरुण तेजपाल को ‘सम्मानजनक तरीके से बरी किया गया’ और उनका ‘राजनीतिक उत्पीड़न’ किया गया।राज्यसभा सदस्य चतुर्वेदी ने तिवारी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि किसी महिला के यौन उत्पीड़न की बात को खारिज करके  उनकी बीमार सोच का पता चलता है।

उन्होंने कहा, उन्हें लगता है कि वे महिलाओं को लेकर अपनी मर्जी से बर्ताव कर सकते हैं और गंभीर अपराधों पर हंस सकते हैं। शर्मनाक। चतुर्वेदी पर पलटवार करते हुए तिवारी ने कहा कि उनके उलट वकील के रूप में वे जानते हैं कि किसी फैसले को कैसे पढ़ा जाता है और किस तरह उसका सम्मान किया जाता है।

उन्होंने कहा, तरुण तेजपाल पर मुकदमा चला और वे निर्दोष मिले। यह सच है। गोवा सरकार उच्च न्यायालय में गई है। अगर आपको कोई समस्या है तो मुंबई और गोवा उच्च न्यायालय में कहिए। कांग्रेस सांसद तिवारी को जवाब देते हुए चतुर्वेदी ने कहा कि गोवा सरकार ने जिला अदालत के इस फैसले को चुनौती दी है और इसलिए उन्हें बरी किए जाने पर ‘जश्न’ को रोका जा सकता है।

उन्होंने कहा, मनीष तिवारी आपके केवल वकील होने और फैसला पढ़ पाने से आप ऊंचे पायदान पर नहीं पहुंच जाते। यह एक  स्वतंत्र प्लेटफॉर्म है और मुझे भी अपनी बात रखने का हक है, जैसा आपको किसी कथित बलात्कारी की पीठ थपथपाने का हक है।

तिवारी ने कहा, कृपया मानहानि की सीमा को पार मत कीजिए। मुझे एक साथी सांसद और अपनी पूर्व सहयोगी को अदालत में ले जाने में दु:ख होगा। प्रियंका चतुर्वेदी ने तिवारी के बयान को उन्हें ‘चुप’ करने की धमकी बताते हुए कहा कि वकील के रूप में उन्हें जान लेना चाहिए कि उनके (चतुर्वेदी के) पहले ट्वीट में उन्हें टैग तक नहीं किया गया और वह इसमें ‘टपक गए’। उन्होंने यह भी कहा कि कानून की अज्ञानता, नैतिकता की अज्ञानता से बेहतर है।

गोवा की एक सत्र अदालत ने तेजपाल को 2013 में राज्य के एक होटल की लिफ्ट के भीतर एक पूर्व महिला सहकर्मी के यौन  उत्पीड़न के आरोप में गत 21 मई को बरी कर दिया था। आरोप 7 नवंबर, 2013 की घटना से संबंधित हैं।(भाषा)
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