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Last Updated : मंगलवार, 14 जनवरी 2020 (19:02 IST)

दिल्ली चुनाव से पहले कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, खोटे सिक्के इकट्ठे कर रही है आप

Congress | दिल्ली चुनाव से पहले कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, खोटे सिक्के इकट्ठे कर रही है आप
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक रामसिंह नेताजी तथा 3 अन्य लोग सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। कांग्रेस ने आप पर आरोप लगाया कि वह दूसरे दलों के 'खोटे सिक्कों' को जमा कर रही है, क्योंकि उसे 8 फरवरी को होने वाले चुनाव में हार का डर सता रहा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महाबल मिश्रा के बेटे विनय कुमार मिश्रा भी आप में शामिल हो गए। वे पालम विधानसभा सीट से पिछला चुनाव हार गए थे। बवाना विधानसभा के रोहिणी वार्ड से पार्षद तथा सामाजिक कार्यकर्ता जय भगवान उपकारजी तथा गांधीनगर क्षेत्र से सामाजिक कार्यकर्ता नवीन दीपू चौधरी भी आप में शामिल हो गए। दोनों लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े हुए थे।
 
नेताजी ने कहा कि वे आप सरकार के कामकाज से प्रभावित हैं और इस वजह से उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया है। वे 2 बार बदरपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं। वे 1 बार बसपा की टिकट पर और दूसरी बार निर्दलीय चुनाव जीते हैं। हरीनगर वार्ड से कांग्रेस पार्षद राजकुमारी ढिल्लो भी आप में शामिल हुईं।
 
केजरीवाल ने कहा कि पार्टी की नीतियों और दिल्ली सरकार के कामकाज से प्रभावित होकर लोग हमारे परिवार में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी में उनका गर्मजोशी से स्वागत है।
कांग्रेस ने आप पर आरोप लगाया कि वह दूसरे दलों के 'खोटे सिक्कों' को जमा कर रही है, क्योंकि उसे 8 फरवरी को होने वाले चुनाव में हार का डर सता रहा है। हालांकि विनय कुमार मिश्रा और नेताजी दोनों का कहना है कि वे आप के कामकाज से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल हुए हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि मिश्रा को द्वारका से जबकि नेताजी को बदरपुर से टिकट मिलने की संभावना है।
 
हालांकि नेताजी के आप में शामिल होने के कुछ ही घंटे बाद बदरपुर से पार्टी विधायक एनडी शर्मा उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर धरने पर बैठ गए। शर्मा ने कहा कि हम साफ-सुथरी राजनीति के लिए आप में आए थे, लेकिन अब आप में और अन्य राजनीतिक दलों में क्या अंतर है। मैंने 94,000 वोटों से चुनाव जीता था और नेताजी 17,000 वोटों से जीते थे, लेकिन उन्हें यूं ही पार्टी में शामिल कर लिया गया।
 
कार्यकर्ताओं की मेहनत को नजरअंदाज किया जा रहा है। शर्मा के साथ उनके समर्थक भी मौजूद थे, जो उनके पक्ष में नारे लगा रहे थे। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए मतदान 8 फरवरी को होगा और वोटों की गिनती 11 फरवरी को होनी है।