कोयला घोटाला केस में रंजीत सिन्हा की जांच हो : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के कोयला ब्लॉक मामले की जांच को प्रभावित करने के प्रयास के आरोपों की जांच करने के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है।
कोर्ट ने कहा है कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ कोयला घोटाले के आरोपियों के साथ साठगांठ करने का मामला बनता है और उनकी भूमिका की जांच होनी चाहिए। सर्वोच्च न्यायाल ने कहा कि सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक एमएल शर्मा की समिति ने पहली नजर में पाया कि सिन्हा ने कोयला घोटाले की जांच प्रभावित करने का प्रयास किया है।
जस्टिस मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कोयला घोटाला मामलों में विशेष लोक अभियोजक आरएस चीमा इससे संबंधित कानूनी बिंदुओं पर सीबीआई के निदेशक की मदद करेंगे। पीठ ने कहा कि विशेष जांच दल का नेतत्व सीबीआई निदेशक करेंगे। वे न्यायालय की अनुमति से 2 अन्य अधिकारियों की सहायता ले सकते हैं।
गौरतलब है कि साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के पूर्व निदेशक एमएल शर्मा की नेतृत्व पर एक टीम बनाई थी। इस टीम को सिन्हा के घर से मिले विजिटर्स बुक की सत्यता की जांच करनी थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि सीबीआई प्रमुख रहते हुए रंजीत सिन्हा ने कोयला घोटाले के आरोपियों से मुलाकात की थी।
साल 2012 की सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया था कि कोयला घोटाले से देश को करीब 1.86 लाख करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साल 2014 में सरकार द्वारा आवंटित किए गए 200 से ज्यादा कोल ब्लॉक्स को रद्द कर दिया था। (भाषा)