सीआईसी ने कहा, लुकआउट नोटिस जारी करने के लिए 40 साल पहले निकाले गए सर्कुलर को सार्वजनिक करे गृह मंत्रालय
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने व्यवस्था दी है कि एक व्यक्ति के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने के लिए 40 साल पहले गृह मंत्रालय द्वारा निकाले गए सर्कुलर को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। आयोग ने मंत्रालय की इस दलील को खारिज कर दिया कि यह गोपनीय रिकॉर्ड है।
मंत्रालय के दावों को खारिज करते हुए मुख्य सूचना आयुक्त सुधीर भार्गव ने कहा कि एक आरटीआई आवेदक ने लुकआउट नोटिस के लिए केवल मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों की प्रतियां मांगी हैं। भार्गव ने कहा कि हालांकि मंत्रालय का कहना है कि सर्कुलर गोपनीय दस्तावेज है, जो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है।
यह मामला गौरव गुप्ता नाम के व्यक्ति से जुड़ा है जिन्होंने आरटीआई कानून के तहत गृह मंत्रालय की तरफ से 5 सितंबर 1979 को जारी लुक आउट सर्कुलर को निकालने से जुड़े सर्कुलरों की प्रतियां मांगी थीं।
मंत्रालय ने कोई उचित कारण बताए बिना सूचना का अधिकार कानून की धारा 8 के अपवाद उपबंध का हवाला देते हुए जानकारी से इंकार कर दिया था। इस उपबंध में 10 उपधाराएं हैं जिनके तहत जानकारी देने से इंकार करते वक्त उचित कारण बताना होता है।
गृह मंत्रालय को सर्कुलर सार्वजनिक करने का निर्देश देते हुए भार्गव ने कहा कि केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी आरटीआई कानून के प्रावधानों के तहत अपील करने वाले द्वारा मांगी गई सूचना से इंकार नहीं कर सकते। (भाषा)