चीन की दोहरी चाल, लद्दाख में सैनिक, तोपखाना और मिसाइलें तैनात
जम्मू। लद्दाख सेक्टर में एलएसी पर चीन और हिन्दुस्तान के बीच पैदा हुआ तनाव फिलहाल जारी रहेगा। दोनों देशों के बीच 7 दौर की बातचीत फेल हो चुकी है। चीन दोहरी चाल चल रहा है। एक ओर उसने बातचीत को जारी रखा व दूसरी ओर लद्दाख में कई इलाकों में अपने सैनिकों, तोपखानों, टैंकों, मिसाइलों आदि की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी कर यह संकेत दिया कि निकट भविष्य में वह पीछे हटने वाला नहीं है। यही नहीं अब तो उसके सैनिक लद्दाख में लाइव युद्धाभ्यास को आरंभ कर भारतीय सैनिकों को डराने की कोशिश में हैं।
अधिकारियों के अनुसर, चीन अब भारत से लगती सीमा पर युद्धाभ्यास कर रहा है। चीन ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब भारतीय सैनिकों ने ड्रैगन को जोरदार झटका देते हुए पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे पर स्थित ऊंचाई वाली चोटियों पर बढ़त ली है। चीन के सरकारी टीवी चैनल सीजीटीएन के मुताबिक पश्चिमोत्तर चीन में चल रहे इस लाइव फायर ड्रिल में एक हजार सैनिक हिस्सा ले रहे हैं।
ये सैनिक 100 गाड़ियों से पहुंचे हैं। उन्हें चीन ने रेलवे लाइन के जरिए लद्दाख सीमा के पास तक पहुंचाया है। इस लाइव फायर ड्रिल में चीन तोपों, टैंकों और मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहा है। सीजीटीएन के न्यूज प्रड्यूसर शेन शी वेई ने इसका वीडियो ट्वीट करके लिखा कि कृपया इंतजार करिए और देखिए।
अधिकारियों के बकौल, पूर्वी लद्दाख में पैंगांग के दक्षिणी किनारे पर भारतीय सेना की जोरदार जवाबी कार्रवाई से बौखालाए चीन ने इस इलाके में कई जगहों पर और ज्यादा सैनिक तथा टैंक भेजे हैं। सैटलाइट से मिली तस्वीरों से पता चला है कि चीन गतिरोध वाले प्वाइंट्स पर अपनी स्थिति को और ज्यादा मजबूत कर रहा है।
सूचनाओं के मुताबिक चीन की इस कार्रवाई से यह साफ नजर आ रहा है कि भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच मास्को में वार्ता के बाद भी तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। चीन अब सभी गतिरोध वाली जगहों पर और ज्यादा सैनिक तथा टैंक तैनात कर रहा है।
सूत्रों के मुताबिक दोनों ही पक्षों के करीब एक लाख सैनिक पूर्वी लद्दाख में तैनात हैं। चीन वार्ता की टेबल पर तनाव घटाने की बात तो कर रहा है लेकिन जमीन पर वह लगातार अपनी सैन्य तैयारी को और ज्यादा मजबूत करने में जुटा हुआ है।
इससे पहले 29 व 31 अगस्त के बीच चीनी सेना ने उकसावे की कार्रवाई करते हुए पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया था, लेकिन भारतीय सेना ने उसे विफल कर दिया था। यही नहीं बाद में भारतीय सैनिकों ने पैंगोंग के दक्षिणी किनारे पर स्थित लगभग सभी प्रमुख चोटियों पर बढ़त ले ली थी। चीन के सैनिकों की तैनाती बढ़ाने से दक्षिणी किनारे पर तनाव काफी बढ़ गया है।
चीन की इस ताजा कार्रवाई का जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने भी अपनी तैनाती को बढ़ा दिया है। दोनों पक्षों द्वारा हजारों सैनिकों, टैंकों, मिसाइलों और तोपों की तैनाती के बाद भयानक सर्दी में भी इसी इलाके में टिके रहने की तैयारियां जोरों पर हैं। इस ओर से सियाचिन में इस्तेमाल किए जाने वाले तम्बू गाड़े चुके हैं।
सैनिकों के लिए करोड़ों रूपयों के वे परिधान खरीदे जा रहे हैं जो उन्हें शून्य ये 40 डिग्री नीचे के तापमान में सुरक्षित रख सकें। जम्मू से प्रतिदिन सैंकड़ों ट्रकों को खाद्य सामग्री के साथ लद्दाख रवाना किया जा रहा है कि राजमार्ग के बंद होने से पहले स्टाक जमा कर लिया जाए।