बाल तस्करी कालेधन का बड़ा स्रोत : सत्यार्थी
नई दिल्ली। नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने बाल तस्करी को कालेधन का बड़ा स्रोत बताते हुए कहा कि इसके जरिये करोड़ों रुपए का खेल चल रहा है लेकिन इस तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।
बंधुआ मजदूरी और बालश्रम के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले सत्यार्थी ने कहा कि बालश्रम के नाम पर हजारों कारखानों में लाखों बच्चों से न्यूनतम मजदूरी पर काम करवाया जाता है और कंपनी के मालिक वयस्क मजदूर के अनुसार अपने खाते की पूर्ति करता है। इसमें करोड़ों रुपये का हेरफेर हो रहा है लेकिन प्रशासनिक अमले का इस तरफ ध्यान नहीं है।
सत्यार्थी ने बाल मजदूरी को मानवता के खिलाफ सबसे घृणित अपराध बताया। उन्होंने इस अभिशाप से त्रस्त दुनियाभर के लाखों बच्चों को इससे मुक्ति दिलाने के लिए कड़ी राजनीतिक इच्छाशक्ति का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक इच्छाशक्ति और सामाजिक दवाब से इसे दूर करने में मदद मिल सकती है।
उन्होंने कहा देश में बाल अधिकारों अथवा बच्चों से जुड़ी समस्याओं को लेकर संसद के दोनों सदनों में आज तक एक दिन भी चर्चा नहीं हो पायी है। इससे हमारे राजनेताओं की इच्छाशक्ति का पता चलता है। शायद बच्चे वोटर नहीं हैं इसलिए इनके मुद्दों को गंभीरता से नहीं लिया जाता है। इसके साथ ही आज तक किसी भी धर्म के धार्मिक गुरु ने बालश्रम, बाल तस्करी तथा बंधुआ मजदूरी जैसे मुद्दों को अपने संबोधन में शामिल नहीं किया है। समाज के एक बड़े हिस्से को प्रभावित करने वालों में भी बच्चों को लेकर संवेदनशीलता की कमी है। (वार्ता)