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Last Modified: शुक्रवार, 18 सितम्बर 2020 (20:56 IST)

'किसान मारो, पंजाब मारो' षड्यंत्र का हिस्सा हैं कृषि विधेयक : अमरिंदर सिंह

'किसान मारो, पंजाब मारो' षड्यंत्र का हिस्सा हैं कृषि विधेयक : अमरिंदर सिंह - Chief Minister Amarinder Singh criticized the Agriculture Bill
चंडीगढ़। पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने शुक्रवार को कृषि सुधार संबंधी विधेयकों (Agriculture Bill) की कड़ी आलोचना की और कहा कि इन्हें भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार (Central Government), 'किसान मारो, पंजाब मारो' के षड्यंत्र के तहत राष्ट्र पर थोपना चाहती है।

लुधियाना स्थित पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के ‘किसान मेले’ की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, मुझे नहीं पता कि भाजपा और अकालियों की पंजाब से क्या दुश्मनी है और वे हमें क्यों बर्बाद करना चाहते हैं। सरकार की ओर से यहां जारी मेले के उद्घाटन में सौ स्थानों से डिजिटल माध्यम से किसान, किसानों के प्रतिनिधि और अन्य हितधारकों ने हिस्सा लिया।

सिंह ने फिर चेतावनी दी कि विधेयकों से सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों में आक्रोश बढ़ेगा और पाकिस्तान इसका फायदा उठा सकता है। सिंह ने कहा कि किसान विरोधी इस कदम से पंजाब का माहौल बिगड़ेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पिछले 65 सालों में भारत को खाद्य के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में पंजाब के किसानों ने जो बलिदान दिया है वह सब इन विधेयकों से व्यर्थ हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पूरे मुद्दे पर अकाली अपने राजनीतिक खेल खेल रहे हैं।

उन्होंने बादल दंपति से पूछा कि शिरोमणि अकाली दल इन विधेयकों के खिलाफ और पानी के महत्वपूर्ण मुद्दे पर पंजाब सरकार के साथ क्यों नहीं खड़ा है। उन्होंने कहा कि सतलज यमुना लिंक के मुद्दे पर पहले से ही स्थिति गंभीर है और ऐसे में शिअद ने कृषि विधेयकों का समर्थन कर समस्या को केवल बढ़ाया ही है।

सिद्धू बोले- किसानों के साथ है पंजाब, पंजाबियत और हर पंजाबी : केंद्र सरकार के तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों के विरोध-प्रदर्शनों के बीच पंजाब के विधायक और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को कहा कि पंजाब, पंजाबियत और हर पंजाबी किसानों के साथ है।

पिछले साल मंत्री पद से इस्तीफे के बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए सिद्धू ने खेती को पंजाब की आत्मा कहा। उन्होंने ट्वीट किया शरीर के घाव भर जाते हैं पर आत्मा पर वार नासूर बनकर सदा रिसता है, हमारे अस्तित्व हमारी आत्मा पर वार बर्दाश्त नहीं। जंग की तूती बोल रही है- इंकलाब जिंदाबाद। पंजाब, पंजाबियत और हर पंजाबी कंधे से कंधे मिलाकर एकजुट होकर किसान के साथ है।राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के एक साल से अधिक समय बाद कांग्रेस नेता ने अपने ट्विटर हैंडल पर यह ट्वीट पोस्ट किया।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने भाजपा सरकार पर कटाक्ष किया और कहा, सरकारें तमाम उम्र यही भूल करती रहीं, धूल उनके चेहरे पर थी, आईना साफ करती रहीं। पिछले साल राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद से सिद्धू ने चुप्पी साध ली थी और अब उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी राय रखी है।
अमृतसर के विधायक सिद्धू का मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ टकराव चल रहा था। पिछले साल जून में मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण फेरबदल में सिद्धू से महत्वपूर्ण विभाग ले लिए गए थे। पंजाब में कई किसान संगठन कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं।(भाषा) 
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