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Last Updated : सोमवार, 15 जुलाई 2019 (09:22 IST)

56 मिनट 24 सेकंड पहले रुकी चन्द्रयान-2 की उड़ान, ISRO जल्द करेगा नई तारीखों का ऐलान

56 मिनट 24 सेकंड पहले रुकी चन्द्रयान-2 की उड़ान, ISRO जल्द करेगा नई तारीखों का ऐलान - Chandrayaan 2 : Second moon mission postponed due to technical glitch
श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने तकनीकी कारणों से चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण को फिलहाल टाल देने का फैसला किया है। इसरो ने सोमवार को ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी।
इसरो ने ट्वीट किया, टी-56 मिनट पर प्रक्षेपण यान प्रणाली में एक तकनीकी खराबी पाई गई। अत्यधिक सावधानी बरतते हुए चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण को आज के लिए टाल दिया गया है। प्रक्षेपण की नई तिथि की घोषणा बाद में की जाएगी।

इससे पहले भारत के दूसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के 20 घंटों की उलटी गिनती रविवार सुबह 6 बजकर 51 मिनट पर शुरू हो गई थी। चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण आज तड़के 2 बजकर 51 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया जाना था, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से चंद मिनटों पहले प्रक्षेपण को टाल देने का फैसला किया गया। इस मिशन के लिए जीएसएलवी-एमके3 एम1 प्रक्षेपण यान का इस्तेमाल किया जाएगा।
 
इसरो ने बताया कि मिशन के लिए रिहर्सल शुक्रवार को पूरा हो गया था। इस मिशन के मुख्य उद्देश्यों में चंद्रमा पर पानी की मात्रा का अनुमान लगाना, उसके जमीन, उसमें मौजूद खनिजों एवं रसायनों तथा उनके वितरण का अध्ययन करना और चंद्रमा के बाहरी वातावरण की ताप-भौतिकी गुणों का विश्लेषण है। उल्लेखनीय है चंद्रमा पर भारत के पहले चंद्र मिशन चंद्रयान-1 ने वहां पानी की मौजूदगी की पुष्टि की थी। इस मिशन में चंद्रयान-2 के साथ कुल 13 स्वदेशी पे-लोड यान वैज्ञानिक उपकरण भेजे जा रहे हैं। इनमें तरह-तरह के कैमरे, स्पेक्ट्रोमीटर, रडार, प्रोब और सिस्मोमीटर शामिल हैं।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का एक पैसिव पेलोड भी इस मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की सटीक दूरी का पता लगाना है। यह मिशन इस मायने में खास है कि चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरेगा और सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अब तक दुनिया का कोई मिशन नहीं उतरा है। चंद्रयान-2 के 3 हिस्से हैं।

ऑर्बिटर चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर की ऊंचाई वाली कक्षा में चक्कर लगाएगा। लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। इसे विक्रम नाम दिया गया है। यह 2 मिनट प्रति सेकंड की गति से चंद्रमा की जमीन पर उतरेगा। प्रज्ञान नाम का रोवर लैंडर से अलग होकर 50 मीटर की दूरी तक चंद्रमा की सतह पर घूमकर तस्वीरें लेगा।