कितना कारगर होगा चंद्रबाबू नायडू का जातीय दांव
-डॉ. वेंकटेश्वर राव इम्मादिसेट्टी
आंध्रप्रदेश विधानसभा चुनाव में ज्यादा वक्त नहीं बचा है। 2019 की तैयारी में जुटे तेलुगू देशम पार्टी के नेता और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने विधानसभा चुनाव से पहले अलग-अलग जाति और समुदायों के लिए घोषणाओं का पिटारा खोल दिया है। हाल ही में उन्होंने ब्राह्मण समुदाय के बेरोजगार युवाओं को मारुति कार देने का ऐलान किया है। यूं तो नायडू सभी जातियों पर डोरे डाल रहे हैं, लेकिन खासकर उनकी नजर ब्राह्मण और कापू समुदाय पर है।
हालांकि स्वयं नायडू की काम्मा जाति भी विभिन्न कारणों से बंटी हुई है। दूसरी ओर कापू समुदाय भी आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री से असंतुष्ट है। उनको लगता है कि चंद्रबाबू उनको अनदेखा कर रहे हैं। इसको लेकर कापू नेता एम. पद्मनाभम और जनसेना पार्टी के मुखिया तथा अभिनेता पवन कल्याण भी कापू आरक्षण पर अपनी आवाज बुलंद कर चुके हैं। अभिनेता कल्याण भी कापू समुदाय से आते हैं।
इसी तरह ब्राह्मण समुदाय भी आईवाईआर कृष्णा राव और रमन्ना दीक्षितुलू को तिरुमला के मुख्य पुजारी पद से हटाने को लेकर नाराज है। यही कारण है कि चंद्रबाबू धीरे-धीरे अब सभी समुदायों को साधने में लग गए हैं। इसी कड़ी में उन्होंने ब्राह्मणों को रिझाने की भी कोशिश है। चंद्रबाबू नायडू की ओर से व्हाट्सऐप पर मैसेज भी चलाए जा रहे हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि ब्राह्मण ईमानदार और बुद्धिमान हैं। इसीलिए व्यवसायी लोग उन पर ज्यादा भरोसा करते हैं।
ब्राह्मणों को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री ने बेरोजगार ब्राह्मण युवाओं को 30 मारुति डिजाइर कार देने की घोषणा की है। इसमें 10 फीसदी कार की कीमत युवाओं को चुकानी होगी़, जबकि शेष 90 फीसदी हिस्सा आंध्रप्रदेश ब्राह्मण को-ऑपरेटिव सोसायटी देगी। इतना ही नहीं चंद्रबाबू ने एक बड़े वर्ग को रिझाने के लिए एक करोड़ 40 लाख स्मार्टफोन बांटने का भी ऐलान किया है।
ऐसा नहीं है कि चंद्राबाबू नायडू ने ही यह घोषणाएं की हैं। जनसेना और वायएसआर कांग्रेस ने भी मतदाताओं से बड़े-बड़े वादे किए हैं। इन दलों ने मुफ्त शिक्षा, विद्यार्थियों के लिए मुफ्त वाहन, किसानों के लिए जीवन बीमा, मुफ्त बिजली जैसी बड़ी घोषणाएं की हैं। इन सबके बीच यह देखना रोचक होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में किस दल की रणनीति ज्यादा कारगर होगी।