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Last Modified: शुक्रवार, 4 नवंबर 2022 (19:13 IST)

Gyanvapi Masjid Case : शिवलिंग के कार्बन डेटिंग परीक्षण से इनकार के फैसले को चुनौती

Gyanvapi Masjid Case : शिवलिंग के कार्बन डेटिंग परीक्षण से इनकार के फैसले को चुनौती - Challenging the decision to refuse carbon dating test of Shivling in Varanasi
प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग को लेकर वाराणसी के जिला जज के आदेश को चुनौती देने वाली पुनरीक्षण याचिका सुनवाई के लिए शुक्रवार को स्वीकार कर ली। कार्बन डेटिंग एक विधि है जिसके जरिए इस बात की जांच की जाती है कि कोई चीज कितनी पुरानी है।

वाराणसी के जिला जज ने काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में शिवलिंग की कार्बन डेटिंग करने और वैज्ञानिक पद्धति से समय निर्धारण की मांग खारिज कर दी थी। न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने लक्ष्मी देवी और अन्य द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका स्वीकार करते हुए दूसरे पक्षों जैसे इंतेजामिया मस्जिद कमेटी आदि को नोटिस जारी किए।

उल्लेखनीय है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले कथित शिवलिंग के काल निर्धारण के लिए कार्बन डेटिंग का निर्देश जारी करने की मांग के साथ एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था जिसमें जीपीआर सर्वे की भी मांग की गई थी।

हालांकि जिला जज ने 14 अक्टूबर को पारित आदेश में इस आवेदन को खारिज कर दिया था जिसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। इस बीच, अदालत ने श्रृंगार गौरी और अन्य देवी-देवताओं की पूजा की अनुमति के लिए पांच हिंदू महिलाओं द्वारा दायर वाद की पोषणीयता को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतेजामिया की पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई 22 नवंबर तक के लिए शुक्रवार को टाल दी।

अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद ने वाराणसी की अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें इस वाद की पोषणीयता पर उसकी आपत्ति खारिज कर दी गई थी। न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने संबंधित पक्षों के संयुक्त अनुरोध पर इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 22 नवंबर, 2022 तय की।(भाषा)
Edited by : Chetan Gour
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