Last Modified: नई दिल्ली ,
रविवार, 26 मार्च 2017 (16:19 IST)
पुराने मामलों में कर भुगतान पर ब्याज की छूट देगा सीबीडीटी
नई दिल्ली। केयर्न इंडिया और वोडाफोन पीएलसी जैसी कंपनियां यदि बाद की पीछे की तिथि से प्रभावी कर कानून के तहत पूंजीगत लाभ कर मामले में कर की मूल राशि का भुगतान कर देती हैं तो कर विभाग उस पर ब्याज देनदारी को समाप्त कर सकता है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 24 मार्च को जारी सर्कुलर में विभिन्न परिदृश्यों में विवादित कर मांग मामलों में ब्याज समाप्त करने की घोषणा की है। इसमें कहा गया है कि ऐसे मामले में, जिनमें कर देनदारी कानून में पिछली तारीख से संशोधन या अदालत के फैसले की वजह से बनी है, कर मांग पर ब्याज माफ कर दिया जाएगा।
मुख्य आयुक्त आयकर तथा आयकर महानिदेशक को सीबीडीटी के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि मूल मांग के पूर्ण भुगतान न किए जाने या मूल राशि के भुगतान की संतोषजनक व्यवस्था नहीं होने पर ब्याज माफ नहीं किया जाएगा।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने पिछले साल 28 फरवरी को प्रत्यक्ष कर विवाद निपटान योजना की घोषणा की थी। उसके 7 सप्ताह बाद ये दिशा-निर्देश आए हैं। 31 जनवरी को समाप्त हुई योजना में यह प्रावधान है कि यदि पुरानी तारीख के मामलों में मूल राशि चुका दी गई है और आयकर कानून में पिछली तारीख से संशोधनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली अपीलें वापस ले ली गई हैं तो ब्याज और जुर्माना माफ कर दिया जाएगा। (भाषा)