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Written By वेबदुनिया न्यूज डेस्क
Last Updated :नई दिल्ली , बुधवार, 3 जनवरी 2024 (13:41 IST)

जेलों में जाति आधारित भेदभाव, Supreme Court का केन्द्र और 11 राज्यों को नोटिस

यूपी, पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों की जेल नियमावली के खिलाफ याचिका की सुनवाई

जेलों में जाति आधारित भेदभाव, Supreme Court का केन्द्र और 11 राज्यों को नोटिस - Caste based discrimination in jails, Supreme Court notice to Center and 11 states
  • क्या जेलों में होता है जाति आधारित भेदभाव?
  • सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता का जवाब
  • जेल नियमावलियां की जाएंगी एकत्रित
Caste-based discrimination in jails: राजनीति के बाद अब जाति का जिन जेलों से भी बाहर आ रहा है। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने केन्द्र सरकार और उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित 11 राज्यों से उस जनहित याचिका पर जवाब मांगा जिनमें आरोप लगाए गए हैं कि इन राज्यों की जेल की नियमावली कारागार में जाति के आधार पर भेदभाव को बढ़ावा देती है।
 
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड, न्यामूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता एस मुरलीधर के उस प्रतिवेदन पर गौर किया कि इन 11 राज्यों की जेल नियमावली अपनी जेलों के भीतर कार्य के बंटवारे में भेदभाव करती है और जाति के अधार पर कैदियों को रखा जाना तय होता है।
 
वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि कुछ गैर अधिसूचित आदिवासियों और आदतन अपराधियों से अलग तरीके से बर्ताव किया जाता है और उनके साथ भेदभाव होता है। अदालत ने मुरलीधर से राज्यों से जेल नियमावलियों को एकत्र करने को कहा और याचिका को चार सप्ताह के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
 
पीठ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और अन्य को नोटिस जारी किया साथ ही सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह महाराष्ट्र के कल्याण की मूल निवासी सुकन्या शांता द्वारा दायर जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दों से निपटने में अदालत की सहायता करें।
 
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता का कहना है कि जेल की बैरकों में मानव श्रम के आवंटन के संबंध में जाति आधारित भेदभाव है और इस प्रकार का भेदभाव गैर अधिसूचित आदिवासियों और आदतन अपराधियों के साथ है। केन्द्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी करें। 
 
सॉलीसिटर जनरल ने कहा कि मैंने जाति के आधार पर भेदभाव के संबंध में नहीं सुना..... विचाराधीन कैदियों और दोषियों को ही अलग किया जाता है। इस मामले में उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के अलावा मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, ओडिशा, झारखंड, केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्य शामिल हैं।  (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
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